इन्दौर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की पहल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के प्रयासों पर इंदौर के कांग्रेस नेताओं ने पलीता लगाना शुरू कर दिया है। काम किए बगैर सब कुछ पाने और हमेशा मंच संभालने की उम्मीद रखने वाले इन नेताओं ने इंदौर में कांग्रेस को मजबूत करने के प्रयासों की पहले ही दौर में हवा निकाल दी है। ताजा घटनाक्रम के बाद पार्टी नेतृत्व इंदौर को लेकर कोई बड़ा फैसला जल्दी ही ले सकता है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का एजेंडा इंदौर को लेकर एक सौ दिनी एक्शन प्लान का है और इसी क्रम में केंद्रीय नेतृत्व को विश्वास में लेकर उन्होंने काम शुरू किया था। गुजरात के कांग्रेस नेता निमिष शाह को नेशनल कोऑर्डिनेटर की भूमिका में लाते हुए इसकी शुरुआत की गई थी। 3 दिन पहले इसी क्रम में एक बड़ी बैठक भी हुई थी और इसी के बाद आगे की रणनीति पर काम शुरू हुआ था। शाह की इंदौर में मौजूदगी यहां के कुछ नेताओं को रास नहीं आई और उन्होंने हमारे महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह सहित कुछ अन्य नेताओं के सामने बात को कुछ इस रूप में प्रस्तुत किया, मानो शाह की इंदौर में मौजूदगी से पार्टी को बड़ा नुकसान होगा। इन नेताओं ने दिल्ली तक यह बात पहुंचाने की भी कोशिश की कि केंद्रीय नेतृत्व को भरोसे में लिए बिना प्रदेश अध्यक्ष वाले वाले सब कर रहे हैं। चूंकि प्रभारी महासचिव अभी विदेश प्रवास पर हैं, इसलिए पटवारी ने उनके वापस लौटने तक इस पायलट प्रोजेक्ट पर अगला क्रियान्वयन चार-पांच दिन के लिए टाल दिया है। प्रदेश कांग्रेस इंदौर के मामले में अब स्थानीय नेताओं के दबाव में नहीं आने का निर्णय कर चुकी है।
बस राय देते हैं, काम कोई करना नहीं चाहता
इंदौर के नेताओं को लेकर जो फीडबैक दिल्ली पहुंचाया गया है, उसमें यह स्पष्ट किया गया है कि यहां राय देने और मंच पर बैठने वालों की कमी नहीं है, लेकिन काम करने को कोई तैयार नहीं। पार्टी के बड़े-बड़े आयोजनों में नाम मात्र की उपस्थिति रहती है और हर नेता मंच की शोभा बढ़ाना चाहता है। एक दूसरे को नीचा दिखाने में भी यह नेता कोई कसर बाकी नहीं रख रहे हैं। नेताओं के एक समूह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ भी मोर्चा खोल रखा है। यह वह नेता हैं, जो कई बार मौका दिए जाने के बावजूद परफॉर्मेंस नहीं दे पाए। इनको लेकर यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह खुद काम नहीं करते और नए नेतृत्व को आगे नहीं आने देते?
अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं पटवारी
इंदौर के मामले में पटवारी काफी समय से वेट एंड वॉच की स्थिति में है। हालांकि इसको लेकर उन्हें अपनी ही पार्टी के एक बड़े वर्ग का गुस्सा भी झेलना पड़ रहा है। जो नेता यहां कांग्रेस का बिगड़ा करने में लगे हैं, वह उनके निशाने पर हैं। पर वे अभी जल्दबाजी में कोई निर्णय लेना नहीं चाहते। इसी के चलते शहर और जिला कांग्रेस में नई नियुक्ति रुकी हुई हैं। प्रभारी महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह के विदेश यात्रा से लौटते ही इंदौर के मामले में बड़ा निर्णय होने की संभावना है।
बड़े नेताओं को वार्डवार जिम्मेदारी के प्लान ने नींद उड़ा दी
पायलट प्रोजेक्ट के तहत 100 दिन के एक्शन प्लान में इंदौर में पार्टी के बड़े नेताओं को एक-एक वार्ड की जिम्मेदारी देकर उनके परफॉर्मेंस का आकलन होना है। इसी परफॉर्मेंस के आधार पर इन नेताओं की अगली जिम्मेदारी भी तय होना थी। उन पर एक वार्ड में 100 सक्रिय कार्यकर्ता चिन्हित करने के साथ ही उस वार्ड में पार्टी की गतिविधियों को आकार देने की जिम्मेदारी भी रहना थी। इस प्रस्ताव ने स्थानीय दिग्गजों को विचलित कर दिया और वह बचने के रास्ते निकालने में लग गए।
इधर अहमदाबाद पहुंचे शाह बोले
मैं तो कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं। मेरे पास वैसे ही बहुत काम है। गुजरात का महामंत्री हूं, हरियाणा के फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी हूं। इसके बावजूद मुझे जो काम सौंपा गया था, उसमें लग गया था। मुझे प्रदेश अध्यक्ष ने इंदौर जाकर बैठक लेने को कहा था और इसी क्रम में मैं बैठक आयोजित की थी पर इंदौर के नेताओं को यह रास नहीं आया। ऐसा लगता है कि वह शायद विपक्ष में ही बैठना चाहते हैं। अब विधिवत नियुक्ति पत्र मिलने के बाद ही काम शुरू करेंगे।
सोच-समझकर ही कर रहा हूं, सबको साथ तो देना होगा- पटवारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मैं जो कुछ कर रहा हूं, वह केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद ही हो रहा है। इंदौर में कांग्रेस को मजबूत और कार्यकर्ता को सक्रिय करना हमारी पहली प्राथमिकता है और इसी के लिए हम 100 दिन के एक्शन प्लान को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेकर काम कर रहे हैं। बूथ, ब्लॉक और शहर स्तर पर पार्टी को मजबूत करना हमारी पहली प्राथमिकता है और पूरा प्लान इसी के मुताबिक बनाया गया है। हम पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित करके उनकी दिक्कत भी पता करेंगे और उसका निराकरण भी करेंगे। इसमें सबको साथ देना पड़ेगा और सहयोग भी करना पड़ेगा। इंदौर के नेताओं द्वारा निमिष शाह की खिलाफत के मुद्दे पर उन्होंने कहा मुझे इसकी जानकारी नहीं और न ही केंद्रीय नेतृत्व में इस बारे में मुझसे कोई पूछताछ की है। इंदौर में कामकाज के उनके अनुभव को देखते हुए ही केंद्रीय नेतृत्व की जानकारी में लाकर उन्हें काम सौंपा गया था। जो प्लान हमने बनाया है, काम तो उसी के मुताबिक होगा। जो लोग इसमें सहयोग नहीं करेंगे, उनके बारे में प्रदेश कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व से बात कर निर्णय लेगी।
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