संगठन का बी-प्लान, घर बैठे नेताओं को बुलाया
भाजपा (BJP) का संगठन कई तरह से अपना काम करता है। सदस्यता अभियान (Membership Campaign) में पिछडऩे वाली विधानसभाओं (Assemblies) में अब पार्टी ने अपने बी-प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों भाजपा कार्यालय में नगर संगठन की ओर से चार नंबर और पांच नंबर के ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं को बुलाया गया था, जिनकी पटरी या तो विधायक से नहीं बैठती है या फिर वे गुटबाजी के कारण घर बैठे हुए हैं। ऐसे नेताओं को सक्रिय होने को कहा गया है। वैसे कुछ नेताओं ने सवाल कर लिया कि अब इतने समय बाद उनकी याद क्यों आईं? क्योंकि हर मामले में पार्टी विधायक और पार्षद को आगे करती है। पार्टी का ये बी-प्लान ऊपर से ही आया है और अब सत्ता में बैठे लोगों की बजाय उन लोगों से भी मेल-जोल बढ़ाने को कहा गया है, जो नाराज हैं या संगठन से दूर-दूर रहते हैं।
जब बाबा को बोलना पड़ा..मैं भी पानी नहीं पीऊंगा
विधायक महेन्द्र हार्डिया पिछले दिनों वार्ड क्रमांक 46 में सदस्यता अभियान को लेकर सदस्य बनाने पहुंचे, लेकिन रूस्तम का बगीचा में उन्हें महिलाओं ने घेर लिया और पानी की समस्या बताने लगी। उन्होंने कहा कि यहां कोई ध्यान देता नहीं है। बाबा यूं भी भोले-भंडारी के रूप में ही जाने जाते हैं। उन्होंने तुरंत अधिकारियों से बात की और कहा कि जब तक इनको पानी नहीं मिलेगा, मैं भी पानी नहीं पीऊंगा। ये सुनकर महिलाएं खुश हो गईं। इसी दौरान एक शराबी भी वहां आ धमका और भाजपा नेताओं को भला-बुरा कहने लगा। उसकी बात पर भी बाबा मुस्कुरा दिए और कहा कि भाई मैं बैठा हूं, आप चिंता मत करो। बाबा के इस रूप को देखकर लोगों का गुस्सा ठंडा पड़ गया।
उम्मीद से हैं कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता अब नवरात्रि में उम्मीद से हैं। बड़े नेताओं ने इशारा किया है कि नवरात्रि में प्रदेश कार्यकारिणी के साथ कई बदलाव होना है। कई नेता बदलाव के चलते पद पाना चाहते हैं और उन्होंने बड़े नेताओं की परिक्रमा करना शुरू कर दी है। विशेषकर जीतू पटवारी की। जब भी पटवारी इंदौर आते हैं, आधे से ज्यादा कांग्रेसी नेताओं की कारें बिजलपुर में उनके घर के बाहर खड़ी दिखती है। हर कोई पटवारी से नजदीकी और दावेदारी बताने में जुटा है और चाह रहा है कि पटवारी के रहते उनका भला हो जाए, लेकिन पटवारी भी डेढ़ सयाने हैं। उन्हें मालूम है कि कौन कितने पानी में हैं।
टीनू का शॉट
प्रदेश मीडिया सहप्रभारी टीनू जैन ने पॉलिटिकल शॉट लगाकर इंदौरी नेताओं को चौंका दिया। दरअसल टीनू ने जैन समाज के बैनर तले अभय प्रशाल में स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं को प्लेटफार्म देने के लिए एक एक्सपो लगाया और उसका शुभारंभ कराने मुख्यमंत्री मोहन यादव को ले आए और बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के स्टार्टअप अभियान को किस तरह से वे आगे बढ़ा रहे हैं। कार्यक्रम में टीनू की कुर्सी मुख्यमंत्री से सटी हुई लगी थी। पूरे समय टीनू और सीएम की चर्चा होती रही। अब इस चर्चा के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
रसूखदारों पर हाथ डालने से पुलिस को परहेज
मंत्री विजयवर्गीय ने नशे के खिलाफ कार्रवाई करने का क्या बोला कि पुलिस पैडलर्स पर पिल पड़ी। इस बीच किसी ने सूई भाजपा नेताओं पर भी उठा दी कि इनके संरक्षण में कुछ लोग इस प्रकार का धंधा क्षेत्र में कर रहे हैं, लेकिन रसूखदार होने के कारण पुलिस इन पर कार्रवाई नहीं कर पाती। बात सही भी है। रसूखदारों का रसूख फिलहाल तो इतना कारगर है कि मंत्रीजी की नाराजगी के बाद भी पुलिस के हाथ उन तक नहीं पहुंच पाए हंै। खैर मंत्रीजी की चेतावनी के बाद यहां से टीआई की भी रवानगी हो गई है और नए टीआई ने अभी ऐसा कुछ नहीं किया है, जिससे मंत्रीजी खुश हो सकें।
इन दिनों एमआईसी में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। सभी सदस्य गुटबाजी में बिखरे पड़े हैं और अपनी बात पूरी न होते देख तरह-तरह की बातें बना रहे हैं। कोई कह रहे हैं कि हमारे नेताओं की ही कमजोरी है कि अधिकारी सुन नहीं रहे हैं और कुछ तो सीधे-सीधे महापौर को भी पीठ पीछे आड़े हाथों लेने से परहेज नहीं कर रहे हैं। ये अलग बात है कि सामने आने पर वे जी-भाईसाब के अलावा कुछ नहीं कहते। -संजीव मालवीय
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