• img-fluid

    ये पॉलिटिक्स है प्यारे

  • August 29, 2022

    एक तीर से दो निशाने लगा गए चिंटू
    नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद चिंटू चौकसे जिस गति से अपनी पार्टी में और निगम में दौड़ रहे हैं, उससे लग रहा है कि वे सभी से आगे निकलना चाह रहे हैं। नए पार्षदों की ट्रेनिंग में चिंटू चौकसे ने एक घोषणा कर कांगे्रेसियों को चौंका दिया और उन्हें भी इशारा कर दिया, जो शहर में बन रही बड़ी-बड़ी इमारतों पर निगाह जमाए बैठे रहते हैं। चिंटू ने स्पष्ट कहा कि नेता प्रतिपक्ष का लेटरहेड अब किसी बिल्डिंग की जानकारी निकालने के काम नहीं आएगा, ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। मेरा लेटरहेड केवल आम लोगों के कामों के लिए उपयोग किया जाएगा। चिंटू का ये इशारा किसकी ओर था, सब समझ रहे थे, लेकिन बोले कौन? उन पार्षदों ने भी तालियां बजाकर चिंटू की इस पहल का स्वागत किया और उनकी तारीफ तक कर डाली। कुछ ने कहा कि चिंटू कुछ ज्यादा तो नहीं बोल गया?


    आखिरकार मंडल को कमंडल मिल ही गया
    निगम चुनाव में पांच नंबर विधानसभा में टिकटों में सबसे ज्यादा उठापटक हुई और कई ऐसों को घर बिठा दिया गया, जिनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। टिकट पाने में कामयाब रहे प्रणव मंडल का नाम एमआईसी में नहीं आने की चर्चा भी जोरों पर हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने पाला बदल लिया था और बाबा से दूरियां बनाना शुरू कर दी थीं, उसी पर उनका विकेट गिर गया और नंदू पहाडिय़ा तथा राजेश उदावत को पहली ही बार में एमआईसी मिल गईं। वैसे पिछले कार्यकाल में मंडल का कमंडल खूब चर्चा में रहा।
    रेडवाल फिर घूमे रहे कमल के आसपास
    राजनीति में कब कौन किसके साथ हो जाए और कब कौन विरोधी हो जाए, ये कहा नहीं जा सकता। मांगीलाल रेडवाल का टिकट काटकर कमल बाघेला को दिया गया और बाघेला जीतकर आ गए, जबकि कहा जा रहा था कि इस सीट से रेडवाल परिवार के अलावा कोई जीत नहीं सकता। बाघेला ने वैसे कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन पिछले दिनों वे एक कार्यक्रम में साथ-साथ नजर आए। वैसे रेडवाल को पार्टी ने 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है, लेकिन कोशिश हो रही है कि कैसे भी हो कमल बाघेला के साथ-साथ उन्हें कमल के फूल का साथ भी मिल जाए।
    जो मिला, उसमें अपनी भलाई समझ ली
    एमआईसी के विभाग के बंटवारे में कुछ नेताओं की नहीं चली है, लेकिन उन्होंने चुपचाप यह मान लिया है, पार्टी जो दे रही है, वह ले लो, नहीं तो इससे भी हाथ धो लेंगे। अभी ऐसा ही एक महिला पार्षद के साथ हुआ है, जिसके विरोध के बाद पार्टी ने उन्हें सबक दिया और एमआईसी से ही बाहर कर दिया।


    भार्गव ने मिलाया विजयवर्गीय के सुर में सुर
    जिस तरह से महापौर पुष्यमित्र भार्गव दो नंबरियों से कदमताल मिलाकर चल रहे हैं, उससे लग रहा है कि निगम परिसर में दो नंबरियों की चहल-पहल दिखने वाली है। पिछले दिनों समाज कल्याण परिसर में रक्षाबंधन के त्योहार में कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में अपना ज्यादा वक्त बिताने वाले भार्गव ने उनके सुर में भी सुर मिलाए। जब बच्चों के साथ विजयवर्गीय अंताक्षरी खेल रहे थे, तभी र शब्द पर बच्चों ने अपना गीत खत्म किया तो विजयवर्गीय ने भार्गव की ओर इशारा किया। इस पर भार्गव ने रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई….गाकर बता दिया कि उनके सुर भी अच्छे हैं और वे सभी की ताल के साथ बैठेंगे।
    ललवानी के हाथों से फिसल रही है शहर की राजनीति
    सांसद शंकर लालवानी के हाथ से जिस तरह से शहर की राजनीति फिसलती नजर आ रही है, वह 2024 की ओर कुछ इशारा कर रही है। लालवानी अपने समर्थकों को ही पद दिला नहीं पा रहे हैं तो उनका मोहभंग सांई से होता जा रहा है। कहीं ऐसा न हो कि 2024 आते-आते गिने-चुने लोग ही सांसद के पास बचे। -संजीव मालवीय

    Share:

    35 साल पहले बंटाई पर दी रावले की 22 करोड़ की जमीन 10 लोगों ने नाम पर कर ली...

    Mon Aug 29 , 2022
    इंदौर। करीब 35 साल पहले बंटाई पर दी गई रावले की करोड़ों की जमीन को बंटाईदारों ने धोखे से अपने नाम कर लिया। बताया जा रहा है कि इस मामले में 10 लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि ये सभी लोग आपस में रिश्तेदार हैं।  यह भी […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved