बाकलीवाल ने साबित कर दिया अपना दम
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल हैं तो व्यापारी, लेकिन एक अच्छे पॉलीटिशियन भी हैं। कई बार उनके विरोधियों ने उन्हें कमजोर अध्यक्ष बताने में कसर नहीं छोड़ी, लेकिन बाकलीवाल टस से मस नहीं हुए और लगातार कमलनाथ के दरबार में उनके नंबर बढ़ते रहे। माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव तक बाकलीवाल टिके रहेंगे। शहर में कांग्रेस की राजनीति भले ही गुटबाजी में बंटी हो, लेकिन बाकलीवाल ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे उनका सार्वजनिक विरोध हो। शुक्रवार को उनके जन्मदिन पर इसका उदाहरण भी देखने को मिला, जब कई बड़े नेता उनके जन्मदिन के कार्यक्रम में शामिल हुए। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से लेकर विधायक भी उन्हें बधाई देने पहुंचे। वैसे जन्मदिन के माध्यम से बाकलीवाल ने ये तो साबित कर दिया है कि उनमें शहर कांग्रेस चलाने का दम है और वे ही अभी इंदौर में सर्वमान्य अध्यक्ष हैं और रहेंगे।
इंदिरा जयंती की भीड़ का फायदा मिला
दूसरी बार प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष बनी अर्चना जायसवाल अभी तक कुछ विशेष नहीं कर पाई हैं। दावा तो बहुत किया जा रहा है, लेकिन अलग हटके अर्चना अपने आपको साबित करने में पीछे हैं। इंदिरा जयंती पर आने वाली महिला नेत्रियों की संख्या का फायदा उठाते हुए उन्होंने जीपीओ चौराहे से लेकर प्रतिमा स्थल तक जागरूकता रैली निकाल ली। हालांकि इसमें भी प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से वे ज्यादा भीड़ नहीं जुटा पाईं और वे ही नेत्रियां नजर आईं जो हमेशा कांग्रेस के कार्यक्रम में आती हैं।
दामादजी के हाथ आई पिछड़ा मोर्चा की कुर्सी
ये पॉलीटिक्स है और यहां कुछ भी हो सकता है। राजनीतिक पदों की बंदरबांट का उदाहरण तब सामने आया, जब दो नंबरी पार्षद मुन्नालाल यादव के दामाद रघु यादव को पिछड़ा वर्ग मोर्चा का नगर अध्यक्ष बना दिया गया। कानाफूसी हो रही है कि रघु सरकारी टेंडर भी लेते हैं और उनके खाते में संगठन के नाम पर ऐसी कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है जिससे उन्हें नगर अध्यक्ष जैसी जवाबदारी दी जा सके। ऐसे में भाजपा के उन कार्यकर्ताओं ने अब पद की आस छोड़ दी है, जो पराक्रम में विश्वास रखते थे, परिक्रमा में नहीं।
शेर निकले सवा शेर, दंग रह गए भाजपाई
जनसंघ के जमाने से भाजपा में अलग-अलग पदों पर रहे और तीन बार महामंत्री रहे घनश्याम शेर को भाजपा ने भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड में डायरेक्टर पद पर तीन साल के लिए पदस्थ किया है। शेर भाजपा में सरल और सहज नेता के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन उनकी सहजता के पीछे क्या-क्या छिपा है, इसका बखान उन्होंने अपने स्वागत समारोह में किया। शेर ने अपनी राजनीतिक उपलब्धियां तो गिनाईं ही, साथ ही ये भी बता दिया कि वे बचपन से लेकर पचपन तक कितने झंडे गाड़ चुके हैं। पर्वतारोही की भारतीय टीम में रहे। बॉक्सर, शूटर भी अच्छे हैं और यहां तक कि आर्मी में उनका सिलेक्शन भी हो गया था। राष्ट्रपति से नजदीकी की बात वे स्वीकारते हैं, लेकिन आज तक घमंड नहीं किया। उनकी ये बातें सुनकर वे भाजपाई भी दंग रह गए, जिन्हें नहीं मालूम था कि शेर सवा शेर हंै।
अपने कार्यालय को वातानुकूलित बनाकर ग्रामीण भाजपा के अध्यक्ष राजेश सोनकर कार्यालय से गायब हैं। जब कोई बैठक होती हैं तो वे यहां आते हैं और बाकी समय बाहर रहते हैं। उनके साथ वाले कहते हैं कि भैया क्षेत्र में हैं, जबकि क्षेत्र में तो मंत्री सिलावट नजर आते हैं।
-संजीव मालवीय
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