खूब चर्चा है पटाखों के लाइसेंस की
इस बार वे भाजपाई उपकृत हो गए हैं, जो लंबे समय से पटाखों के लाइसेंस की डिमांड कर रहे थे। जो खबरें चल रही हैं, उसमें एक-एक विधायक को दो-दो लाइसेंस रिकमेंट करने के लिए कहा गया था। बताया जा रहा है कि पटाखे बेचने के कुल 16 नए लाइसेंस जारी किए गए हैं, जिनकी दुकानें लग रही हैं। इनमें एक दुकान पूर्व पार्षद को भी मिली है तो कुछ दुकानें भाजपा नेताओं को। सभी ने अपने लाइसेंस बेच भी दिए हैं, लेकिन सबकी इच्छा थी कि कम से कम एक से डेढ़ लाख रुपया इस सीजन में मिल जाएगा, लेकिन दुकानें ज्यादा होने और इस बार पटाखा ज्यादा नहीं आने के कारण नए लाइसेंसधारकों को उतना पैसा नहीं मिला।
निक्कर का कबाड़ा कर दिया भाजपा ने
कमलनाथ ने उपचुनाव के प्रचार में निक्कर शब्द क्या निकाला, भाजपाई पीछे ही पड़ गए। कांग्रेसी कह रहे हैं कि वे आरएसएस वाली निक्कर नहीं, बल्कि बच्चा जिस निक्कर को पहनना सीखता है, उसके बारे में कह रहे थे, लेकिन भाजपाई तो भाजपाई ठहरे। तिल का ताड़ बना दिया और कांग्रेस को आड़े हाथों लेकर खूब घेरा। यही काम भाजपा ने पिछले साल उपचुनाव में आइटम शब्द को लेकर किया था, लेकिन उसमें भाजपा ने मुंह की खाई और जिसके लिए कथित रूप से यह शब्द उपयोग किया गया था वे ही चुनाव हार गईं।
छोटे हो गए सोनकर बड़े हो गए सिलावट
सांवेर में अब जो पोस्टर नजर आ रहे हैं, उनमें तुलसी सिलावट का फोटो बड़ा और यहां अपनी सीट छोडऩे वाले राजेश सोनकर का फोटो छोटा होता जा रहा है। यहां से पार्षद रहीं कोमल पंचोली के पति ने दशहरे को लेकर शुभकामना संदेश दिया, उसमें सोनकर का फोटो बीच में फंसा दिया है, जबकि सिलावट का बड़ा सा फोटो लगाया है और उनके पुत्र चिंटू सिलावट का फोटो भी प्रमुखता से लगाया गया है। वैसे यह तो तय है कि सोनकर के हाथ अब संगठन के सिवा कुछ नहीं रहने वाला, क्योंकि सिलावट जिस तरह सांवेर में दौड़ रहे हैं, उसमें सोनकर पीछे छूट गए हैं।
कांग्रेसियों ने मना दिया टीआई का जन्मदिन
थानों में लोगों की भले ही नहीं सुनी जाती हो, लेकिन कई थानों में इन दिनों जन्मदिन के उत्सव जरूर मनाते देखे जा सकते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर पूर्वी क्षेत्र के एक थाना प्रभारी का जन्मदिन मनाते फोटो वायरल हो रहे हैं। बाकायदा थाने को गुब्बारों से सजाया गया और उनका केक कटवाने स्टाफ के साथ-साथ कांग्रेसी भी मौजूद थे। यानी कांग्रेसियों की अब भी थानों में तूती बोल रही है। बायपास से सटे इस थाने में टीआई के जन्मदिन का जश्न मनता रहा और पूरा स्टाफ भी साहब के जन्मदिन की तैयारी में लगा रहा।
बहन ने राजनीति में भाई को पीछे छोड़ा
सांवेर में कांग्रेस की राजनीति में अब भाई की जगह बहन नजर आ रही है। पिछले साल यहां से उपचुनाव हारे प्रेमचंद गुड्डू के साथ उनके बेटे अजीत कंधे से कंधा लगाकर खड़े थे, लेकिन गुड्डू हार गए। अजीत को तो कांग्रेस ने उत्तरप्रदेश भिजवा दिया है, वहीं दूसरी ओर गुड्डू की बेटी, जो चुनाव में सक्रिय थीं, वे अब सांवेर में सक्रिय हो गई हैं और लगातार कोई न कोई मुद्दा पकडक़र भाजपा को घेरने की कोशिश कर रही हैं। आज भी वे एक बड़ा आंदोलन कर रही हैं और 2023 के लिए अपनी जमीन तैयार कर रही हैं।
कांग्रेस की क्राइसिस कमेटी गायब
कोरोना के दौरान कांग्रेसियों ने भाजपा सरकार की तरह ही क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियां बनाई थीं। कई कांग्रेसी इसमें शामिल नहीं हो पाए थे तो उन्हें बाद में शामिल कर लिया गया। इनको कोरोना से मृत लोगों और उनके परिजनों की जानकारी एकत्रित करने के लिए कहा था। कोरोना चला गया और कांग्रेसियों की कमेटी भी गायब हो गई। न तो जानकारी इकट्ठा हो पाई और न ही कोरोना पीडि़त परिवारों के लिए कांग्रेस कुछ कर पाई। अब कोरोना भी नहीं है तो कांग्रेसियों को किसी बात की चिंता भी नहीं है।
आखिर क्या गुफ्तगू हुई ताई-शर्मा के बीच
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पिछले सप्ताह इंदौर आए थे और उन्हें यहां से भोपाल जाना था। समय मिला तो वे ताई से मिलने पहुंच गए। ताई के यहां उन्होंने एक घंटे का वक्त बिताया। इस दौरान साथ में गौरव रणदिवे भी थे। ताई से करीब आधा घंटे बंद कमरे में बात हुई, लेकिन क्या बात हुई ये सामने नहीं आया। दीवार से कान लगाकर सुनने वालों ने जानने की खूब कोशिश की, लेकिन बात सामने नहीं आ पाई। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि शर्मा इंदौर की कार्यकारिणी को लेकर ताई से बात करने गए थे और उसका परिणाम जल्द आ सकता है, लेकिन एक सप्ताह तो हो गया, अब लगता है परिणाम उपचुनाव के बाद ही आएगा।
जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया नागरिक उड्डयन मंत्री बने हैं, तब से ऐसा लगने लगा है कि मध्यप्रदेश में ही सारे विमान उड़ेंगे। दरअसल कोरोना काल के पहले या यात्री नहीं मिलने के कारण कई एयरलाइंस ने अपनी उउ़ानें यहां से बंद कर दी थीं और अब उन्हें फिर से शुरू किया जा रहा है और उसी का ढिंढोरा पीटा जा रहा है कि प्रदेश को एक के बाद एक नई उड़ानों की सौगात मिल रही है। रेलवे की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जिसका सरोकार सीधे आम आदमी से है।
-संजीव मालवीय
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