श्रमिक क्षेत्र के एक कांग्रेस नेता भाजपाई होने की तैयारी में
श्रमिक क्षेत्र में बैरवा समाज के एक बड़े नेता के भाजपा में जाने की खबर जोरों से चल रही है। ये वही नेता हैं, जो इस क्षेत्र में दमदारी से कांग्रेस का झंडा उठाते रहे हैं, लेकिन अब डंडा तो वही होगा, लेकिन इस पर भाजपा का झंडा लगा होगा। इन नेता को 2 नंबर विधानसभा के एक बड़े नेता के साथ इन दिनों घूमते देखा जा रहा है और गाहे-बगाहे नेताजी कांग्रेस नेता से पूछ ही लेते हैं कि विचार तो पक्का है ना। वैसे समय देखा जा रहा है और भाजपा नेताओं की बात मानें तो जल्द ही उन्हें विधिवत सदस्यता भी दिला दी जाएगी। हां, आपको ये जरूर बता दें कि ये नेता इंदौर के एक बड़े कांगे्रस नेता से जुड़े हुए हैं।
सिंधी समाज में उथल-पुथल
भाजपा से जुड़े सिंधी समाज में इंदौर में एक और नया शक्ति केन्द्र बन जाने के बाद उथल-पुथल नजर आ रही है। अभी तक सांसद शंकर लालवानी ही इंदौर के सिंधी समाज के सबकुछ हुआ करते थे, लेकिन भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष भगवानदास सबनानी के संभाग प्रभारी बनने के बाद वे सिंधी नेता खुलकर सामने आ गए हैं, जो अभी तक इंदौर की राजनीति भोपाल जाकर करते थे।
गौरव के आने से बढ़ जाती है भीड़
दीनदयाल भवन में जब से गौरव अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे हैं, तब से युवा नेताओं की भीड़ कुछ ज्यादा ही पार्टी कार्यालय पर दिखती है। गौरव जब बाहर होते हैं या किसी कारण से पार्टी कार्यालय पर नहीं आ पाते, तब ये भीड़ गायब हो जाती है, लेकिन जैसे ही गौरव आते हैं तो कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा हो जाती है। पिछले सप्ताह भी ऐसा ही हुआ, जब गौरव चार दिनों के लिए कार्यालय पर नहीं थे तो वहां सूनसान था और कोई फटक नहीं रहा था, लेकिन गुरुवार को उनके आने के बाद कार्यालय में फिर से रौनक देखी जा रही है।
सूखा-सूखा नजर आ रहा सावन
सावन सोनकर ने जिस तरह से सांवेर उपचुनाव में काम किया और संगठन के आदेश का पालन किया, उसको लेकर उम्मीद थी कि कभी तो संगठन उन पर बरसेगा, लेकिन प्राकृतिक सावन की तरह ही इस सावन पर भी सूखा ही नजर आ रहा है। उपचुनाव को सवा साल हो गया है और सावन को अभी तक कोई बड़ा पद नहीं मिला है, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी राजेश सोनकर जिले के अध्यक्ष हो गए हैं। सावन भोपाल में कोई कुर्सी चाह रहे हैं, लेकिन उसकी राह भी आसान होती नहीं दिख रही है। कहीं ऐसा न हो कि ये सावन भी सूखा ही चला जाए। वैसे सावन गौरव के कार्यालय में ज्यादा नजर आते हैं और सोनकर के कार्यालय में कम।
3 नंबर में दो नंबरियों का क्या काम?
पिछले दिनों 3 नंबर में कृष्णपुरा छत्री पर स्व. राजेश जोशी के पुत्र नकुल जोशी ने अपने पिता की याद में स्वरांजलि कार्यक्रम रखा था। बाकायदा कैलाश विजयवर्गीय भी यहां पहुंचे। सुबह सुभाषनगर स्थित उनके घर पर विजयवर्गीय हर बार की तरह गए भी, लेकिन 2 नंबरी नेताओं का 3 नंबर में कार्यक्रम करना एक चर्चा को जन्म दे गया है, क्योंकि आज तक दिवंगत जोशी की स्मृति में होने वाले आयोजन 2 नंबर विधानसभा से बाहर नहीं हुए हैं। कुछ नेताओं का कहना है कि विजयवर्गीय नकुल को निगम चुनाव लड़वा सकते हैं और इसके लिए वे सुरक्षित सीट तलाश कर रहे हैं।
विक्रांत के सिर सज गया विजय का सेहरा
भोपाल में हुए आंदोलन में जिस तरह से यूथ कांग्रेस ने दमखम दिखाया है, उसने पार्टी में विक्रांत भूरिया के नंबर बढ़ा दिए हैं। विक्रांत की पहचान उनके पिता कांतिलाल भूरिया के बेटे के रूप में तो हैं ही, लेकिन अब कांग्रेस के आक्रामक नेता के रूप में उनकी छवि उभरकर सामने आई है। जयवर्धन के कपड़े भले ही फटे हों, लेकिन विजय का सेहरा विक्रांत के सिर पर सजा है और सरकार विरोधी आंदोलन सफल हो गया है। बड़े नेताओं ने विक्रांत की पीठ भी थपथपाई है और जाहिर है प्रदेश के बड़े नेताओं के पुत्रों से वे बाजी मार ले गए हैं।
मेंदोला के साथ नजर आ रहे पुराने नेता
विधायक रमेश मेंदोला के आगे-पीछे निगम चुनाव के दावेदार तो लगातार घूम ही रहे हैं। किसको टिकट मिले, किसको नहीं, ये तो दयालु ही तय करेंगे, लेकिन लंबे समय से भाजपा की राजनीति से गायब एक पूर्व पार्षद और बिल्डर इन दिनों दयालु के आगे-पीछे देखे जा रहे हैं। महेश्वर में दो वार्डों के लोगों को लेकर गए दो नंबरी नेताओं के बीच भी ये महाशय नजर आए। अपने आपको प्रबल दावेदार मानकर चल रहे हैं, लेकिन मेंदोला के नजदीकी उनकी दाल नहीं गलने दे रहे हैं।
दीनदयाल भवन में भाजपा के संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा की रवानगी की खबरें रोज चल रही हैं। कुछ तो कह रहे हैं कि भाईसाब ने भी तैयारी कर ली है, लेकिन संघ उन्हें उपचुनाव तक रोकने के पक्ष में हैं, क्योंकि संभाग में दो स्थानों पर चुनाव हैं और अभी ऐसे हालात नहीं है कि किसी नए को यहां जवाबदारी दी जा सके।
-संजीव मालवीय
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