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ये पॉलिटिक्स है प्यारे

July 19, 2021

मास्क नहीं पहनने वाली दीदी का नया शिगूफा
मंत्री उषा ठाकुर कोरोना काल से ही चर्चा में हैं। कभी वे मास्क नहीं पहनने को लेकर अपने तर्क देती हंै तो कभी कहती है कोरोना हवन से नष्ट होगा। अब खंडवा में दिया उनका नया बयान चर्चा में है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर उनके साथ सेल्फी लेना है तो 100 रुपए देना होंगे। हालांकि यह पैसा संगठन के खाते में जमा होगा। उषा दीदी का ताजा-ताजा शिगूफा खूब चर्चा में हैं और उनके साथ सेल्फी लेने वालों को एक बार सोचना होगा कि वे सेल्फी ले या नहीं? वैसे अगर 100 रूपए नहीं देना है तो इसका तोड़ निकाला जा सकता है कि किसी के हाथ में मोबाइल देकर मंत्रीजी के साथ सामने से फोटो निकलवा लो। फिर तो 100 रुपए भी नहीं लगेंगे और मंत्री के साथ फोटो भी खिंचा जाएगा। हालांकि सवाल तो यह है कि इस 100 रुपए का हिसाब कौन रखेगा? ऐसा तो नहीं कि इसका हिसाब-किताब रखने के लिए अब उषा दीदी को एक कार्यकर्ता अलग से रखना पड़ेगा जो जिले का दौरा खत्म होते से ही उस जिले के संगठन को सेल्फी का पैसा जमा करवाएगा।
कोरोना के साथ ही गायब हो गए शुक्ला
विधायक संजय शुक्ला इन दिनों आम लोगों के बीच से गायब है। कोरोना काल के बढ़ते आंकड़ों के साथ शुक्ला जिस तरह से सक्रिय हुए थे, उसी तरह से अब कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। पूरे शहर में कोरोना काल में सक्रिय रहने वाले शुक्ला अब शहर की बजाय अपने विधानसभा क्षेत्र में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। वे अपने ऑफिस में जरूर लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं, लेकिन कोरोना के खत्म होते से ही उनका गायब होना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। उनके विरोधी कह रहे हैं कि अब चूंकि महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होना है, इसलिए वे गायब हैं और पीछे हो गए हैं। वैसे कांग्रेस ने नगर निगम चुनाव को लेकर अभी तक अपने प्रत्याशी के निर्णय को नहीं बदला है
सत्ता है तो नेता मलाई खाएंगे ही
नियम है कि विधायक और सांसदों तथा निगम-मंडलों के अध्यक्षों की सुरक्षा के लिए गनमैन या सुरक्षाकर्मी दिया जाता है, लेकिन भाजपा नेता भी अब सत्ता की मलाई खा रहे हैं। इन्हें भी सरकार ने गनमैन दिया है। इनमें इंदौर के जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर को गनमैन मिल गया है तो जिला पंचायत की अध्यक्ष रही और वर्तमान में भाजपा की प्रदेश महामंत्री कविता पाटीदार के साथ भी सुरक्षाकर्मी हैं। कुछ और को भी सुरक्षाकर्मी देने की तैयारी हैं। अब खर्चे में कटौती की बात करने वाली भाजपा सरकार जिस तरह से अपने नेताओं को सुरक्षाकर्मी दे रही हैं, उससे तो लग रहा है कि सरकार की तैयारी अपना खर्चा बढ़ाने की है। ये सवाल लाजिमी है कि इन नेताओं को अपनी ही सरकार में खतरा किससे हैं?
जब भाजपा नेत्री को पड़ा थप्पड़
दो नंबर विधानसभा में एक भाजपा नेत्री को सरेआम एक युवती ने थप्पड़ रसीद कर दिया। दरअसल हुआ यूं कि एक पूर्व एमआईसी मेम्बर के वार्ड में बने टीकाकरण केन्द्र पर उक्त भाजपा नेत्री अपने वालों को लाइन से अलग हटाकर टीका लगवा रही थी तो वहां लाइन में लगी युवती ने विरोध किया। इस पर महिला ने नेतागिरी दिखा दी। इतने में युवती ने आव देखा ना ताव, महिला नेत्री की एक थप्पड़ में नेतागिरी उतार दी। इसको वहां खड़े कुछ भाजपा नेता भी देख रहे थे, लेकिन बीच में जाने की किसी से हिम्मत नहीं दिखाई।
छोटी कार्यकारिणी पर नहीं हो पा रहा फैसला
कांग्रेसी कह रहे हैं कि छोटी कार्यकारिणी बनाई जाएगी, लेकिन इस पर फैसला नहीं हो पा रहा है। कारण जिस तरह से कांग्रेस ्रेमें जम्बो कार्यकारिणी की प्रथा रही है और नेता अपने-अपने समर्थकों को उपकृत करते हैं, उससे लग रहा है कि कार्यकारिणी फिर बड़ी बनेगी और अध्यक्षों को एडजस्मेंट करना ही पड़ेगा। चूंकि 2023 को ध्यान में रखकर कार्यकारिणी बनाना हैं, इसलिए किसी भी नेता से कोई बुराई नहीं लेना चाहेगा और कार्यकारिणी की सूची में नाम जुड़ते जाएंगे। इसलिए अब देखना दिलचस्प है कि जिले और नगर की कार्यकारिणी कितनी बड़ी बनती है?
भाजपा के अध्यक्षों को ही नहीं मालूम कब बनाएंगे अपनी कार्यकारिणी
इन दिनों अपनी कार्यकारिणी बनाने को लेकर सबसे कन्फ्यूज भाजपा ही है। ऊपर से एकता का दिखावा करने वाले नेता अपने समर्थकों को कार्यकारिणी में लाना चाहते हैं ताकि 2023 के चुनाव में उनका समर्थन संगठन की ओर से हो सके। जिले के अध्यक्ष राजेश सोनकर और गौरव रणदिवे की स्थिति ऐसी हो गई है कि उन्हें ही नहीं मालूम है कि उनकी कार्यकारिणी कब तक घोषित होगी। रायशुमारी का दिखावा करने वाली भाजपा में अनुशासन भी टूटता नजर आ रहा है और महामंत्री पद को लेकर रस्साकशी ज्यादा चल रही है। दो नंबर की ओर से नाम नहीं दिए जा रहे हैं, क्योंकि मेंदोला और गौरव की पटरी बैठती नहीं है, वहीं कई बड़े नेता ऐसे हैं जो सीधे गौरव और सोनकर से बात न कर ऊपर से ही अपने समर्थकों के लिए पद लाने की जुगाड़ जमा रहे हैं।
आज कमलनाथ भोपाल में हैं और माना जा रहा है कि जल्द ही खंडवा और तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के प्रत्याशियों की घोषणा भी होना है। इंदौरी यादव नेता और अरूण यादव के समर्थक तैयार हैं कि कब अरूण भैया का नाम घोषित हो और हम खंडवा के लिए बोरिया बिस्तर बांध लें।

संजीव मालवीय

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