आखिर बाबा ने बना ही ली अपनी जगह
कांग्रेस ( Congress) के जिला सम्मेलन में मंच नेताओं से भरा था, तभी बाबा (अश्विन जोशी) (Ashwin Joshi) पहुंचे। नेता भी अपनी जगह से नहीं हिले तो वे शुक्ला और पटवारी के बीच अपनी जगह बनाकर बैठ ही गए।
अब ठुमके भी लगा रहे हैं संजय शुक्ला
संजय शुक्ला (Sanjay Shukla) कांग्रेस ( Congress) की ओर से महापौर पद के अधिकृत प्रत्याशी हैं। बड़ा आयोजन हो या छोटे से छोटा आयोजन, कोई उन्हें बुलाता है तो वे जाना नहीं भूलते। देवदर्शन से लौटे शुक्ला कल शाम एक भागवत कथा में नजर आए। माहौल भक्तिमय था और जब भजन की धुन छिड़ी तो शुक्ला से लोगों ने नाचने को कहा। फिर क्या था, मौका मिला और शुक्ला नाचने लगे। वैसे अब उन्हें चुनाव तक जनता के इशारे पर नाचना ही है।
काले बाल कराकर घूम रहे हैं दो नंबरी नेता
जब से भाजपा (BJP) ने युवाओं को पार्षद टिकट में तवज्जो देने की बात कही है, तब से कुछ उम्रदराज नेताओं ने अपने आपको युवा बताने के लिए जतन करना शुरू कर दिए हैं। इनमें एक दो नंबरी वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं, जो इन दिनों बाल और मूंछ काली कराकर घूम रहे हैं। मजे लेने वाले मजे ले रहे हैं कि चुनाव की दावेदारी करते-करते नेताजी जवान हो गए हैं और चेहरे की चमक में युवाओं को भी पछाड़ रहे हंै।
जिन्होंने पार्टी के नाम से कमाया वो ही दें चंदा
अभी भाजपा संगठन में केवल आजीवन सहयोग निधि का ही फंडा चल रहा है। बात 5 करोड़ के लक्ष्य की आई तो सभी नेताओं को टारगेट थमा दिए। इनमें पार्षद रहे नेताओं को भी टारगेट दिए गए हैं। जब पार्टी ने उनसे छोटे नेताओं को टारगेट दिए तो उन्होंने कह दिया कि पार्टी के नाम से जिन्होंने 5 साल कमाया, उनको ज्यादा टारगेट दो। कई भाजपा पार्षदों के तो इन पांच सालों में रहन-सहन के ढंग ही बदल गए। इनमें उन इलाकों के पार्षद शामिल हैं, जहां नई-नई मल्टियां बनीं और कॉलोनियां विकसित हुई हैं। अब पार्टी ऐसे नेताओं को टारगेट देने वाली है, जो आजीवन सहयोग निधि का खजाना भर सकें। कुछ पूर्व पार्षदों ने तो पार्टी कार्यालय आना ही बंद कर दिया है और कुछ शहर से बाहर निकल गए हैं।
फिर से अपनी जगह बनाने में लगे हैं गुड्डू
भाजपा के एक नंबर में कभी निरंजनसिंह चौहान गुड्ड का एकतरफा जलवा था। उनकी पत्नी की पार्षदी जाती रही तो जलवा भी कम हो गया और बाद में सुदर्शन गुप्ता के टिकट के विरोध के चलते वे लूपलाइन में थे। हालांकि अब गुड्डू फिर गौरव रणदिवे के सहारे सक्रिय हो गए हैं और उन्हें अभी आजीवन सहयोग निधि का सहप्रभारी बनाया गया है, लेकिन उसमें उनकी कमजोर परफॉर्मेंस नजर आ रही है। वैसे गुड्डू की दौड़ नगर की कार्यकारिणी या पार्षद पद तक ही है, क्योंकि इससे ज्यादा अभी उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं।
जहां बचपन बीता, वहीं से लडऩा है चुनाव
पार्षद के टिकट को लेकर दोनों ही दलों में उठापटक शुरू हो गई है। हर कोई अपने आपको प्रबल दावेदार बताने में लगा है। ऐसे ही वार्ड क्रमांक 40 में कान्हा जोशी का नाम सामने आ रहा है। वे जहां भी जाते हैं वहां बताना नहीं भूलते हैं कि इस क्षेत्र में उनका परिवार 100 साल से ज्यादा समय से रह रहा है और उनका बचपन इसी खजराना गांव, पीपल चौक और गणेश मंदिर के आसपास ही खेलते-खेलते बीता है। वैसे कान्हा अभी स्वराज युवा संगठन चला रहे हैं और इसी संगठन से जुड़ी युवाओं की टीम को लेकर टिकट मांग रहे हैं।
पार्टी की इज्जत दांव पर रखकर चुप हो गए
चार नंबर में भाजपा के दो गुटों में चल रही वर्चस्व की लड़ाई ठंडी पड़ गई है। एक गुट विधायक मालिनी गौड़ का है तो दूसरा सांसद शंकर लालवानी का। जब दोनों के नेताओं में नहीं पटी तो समर्थक कैसे एक हो जाएं? लेकिन अब ऊपर से दोनों चुप हैं, क्योंकि दोनों को ही दीनदयाल भवन बुलाकर नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने अपनी भाषा में समझा दिया है। दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ तो खूब बोला, लेकिन गौरव ने एक ही झटके में कहा कि तुम्हारे कारण भाजपा की बदनामी हो रही है और मैं दोनों के बारे में सबकुछ जानता हूं। इसके बाद दोनों गुट चुप हैं और अपने-अपने काम में लगे हुए हैं।
अभी उन लोगों को और इंतजार करना पड़ेगा, जो नगर कार्यकारिणी में आना चाहते हैं। आजीवन सहयोग निधि को लेकर जो टारगेट पूरा करने में मदद करेंगे, ऐसे लोगों को सक्रियता के आधार पर पद मिल सकता है। वैसे कुछ ऐसे भी हैं, जिन्हें पार्षद का टिकट चाहिए और वे आगे होकर सहयोग राशि इक_ा करने में लगे हैं। कुछ तो सालों से घर बैठे थे, लेकिन अब कार्यालय में रसीद कट्टा मिलने का इंतजार करते देखे जा सकते हैं।
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