…ताकि फोटो तो अच्छी आए
कंगना रनौत भोपाल में शूटिंग के लिए भोपाल आई हंै। पहले सीएम से मिली और उसके बाद संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर से। अपने-अपने क्षेत्र की धुरंधर दोनों ही महिलाओं ने मास्क नहीं पहना, ताकि दोनों की अच्छी फोटो आ सके।
प्रदेश में तो शिवसेना भाजपा के भरोसे
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भले ही शिवसेना ने भाजपा से हाथ नहीं मिलाया हो, लेकिन प्रदेश में तो शिवसेना और भाजपा की दोस्ती कायम है। पिछले दिनों दीनदयाल भवन में शिवसेना के एक नेता पहुंचे और नगर अध्यक्ष रणदिवे से किसी मामले में मदद मांगी। नेताजी रणदिवे को देख इतने नतमस्तक हो गए कि गौरव को उन्होंने अपना ब्रह्मास्त्र तक बता दिया। मालूम पड़ा कि नेताजी को ऐसा काम था जो सिर्फ रणदिवे ही करवा सकते थे।
पुराने कांग्रेसियों में टंडन की सक्रियता
जो नेता कांग्रेस से भाजपा में आए हैं, उनमें प्रमोद टंडन ही हर जगह सक्रिय नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री की आगवानी हो या भाजपा कार्यालय, टंडन पहुंच जाते हैं और अपनी सक्रियता बताने से नहीं चूकते। हालांकि अभी तक एक भी कांग्रेसी को भाजपा में कोई पद नहीं मिला है, इसलिए भी वे घर बैठे हुए हैं, लेकिन जहां-जहां मंत्री सिलावट होते हैं, वहां वे अपनी हाजरी लगाना नहीं भूलते। सक्रियता की बात करो तो कहते हैं भाजपा हमें जवाबदारी तो दे, फिर देखना हमारी सक्रियता।
न खुदा मिला न विसाले सनम
जब देश में नागरिकता कानून को लेकर मुस्लिम सडक़ों पर थे, तब इंदौर में भी कुछ मुस्लिम भाजपाई विरोध के मंच पर चढ़ बैठे। बिल तो कानून गया, लेकिन जो मुस्लिम नेता पार्टी छोड़ गए थे वे अब पछता रहे हैं। इनमें से एक तीन नंबर के युवा नेता भी हैं। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे में अच्छी बखत थी, लेकिन भावुक होकर पार्टी छोड़ दी। किसी ने बताया कि जनाब के निकाह में मुश्किल आ रही थी कि वे उस पार्टी के हैं जो मुस्लिम विरोधी काम कर रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी छोडऩे के बाद भी जनाब का निकाह नहीं हुुआ और उनके साथ ‘न खुदा मिला न विसाले सनम’ जैसी स्थिति हो गई।
बंद लिफाफे की तरह लौट आए कांग्रेसी
सीएम को शहर में धीमी गति चल रहे कामों के कारण लोगों को हो रही परेशानी बताने और अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए कुछ कांग्रेसी एयरपोर्ट पर सीएम को ज्ञापन देने पहुंचे थे। संख्या तो इनकी 10 से ज्यादा नहीं थी, लेकिन मुख्यमंत्री से मिलना था। सीएम के आने के पहले वे मिलने की जुगत भिड़ा ही रहे थे कि खुफिया पुलिस विंग की निगाह उन पर पड़ गई और उन्होंने तत्काल अधिकारियों को अलर्ट किया। एडीएम बाहर आए और कहा कि ये ज्ञापन हमें दे दों। अब बेचारे कांग्रेसी क्या करते, सरकार तो है नहीं जो जबर्दस्ती करे। इसलिए एडीएम को ज्ञापन देकर वे वहां से गायब हो गए।
जोश में आए कांग्रेसी ठंडे पड़ गए
जिस जोश से कांग्रेस ने नगरीय निकाय चुनाव को लेकर आगाज किया था वह अब ठंडा पड़ता नजर आ रहा है। कहां तो प्रत्याशियों के बायोडाटा लेना शुरू हो गए थे, लेकिन चुनाव आगे बढऩे के बाद अब सबकुछ वहीं का वहीं धरा रह गया है। जिन लोगों ने अपने-अपने वार्डों में तैयारी शुरू कर दी थी वे अभी अब घर बैठ गए हैं। कहना है कि तीन महीने तक खर्चा कौन करेगा? वहीं दूसरी ओर भाजपा के दावेदार भी ठंडे पड़ गए हैं जो लोग कुछ दिनों पहले भाजपा कार्यालय की सीढिय़ां चढ़ते थक नहीं रहे थे, वे अब गायब हैं और चुनाव की तारीख का इंतजार कर रहे हैं।
मोघे का फोटो और कुर्सी सीएम से दूर
पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से एयरपोर्ट पर मुलाकात के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे निकल गए। सांवेर विधानसभा में सीएम के कार्यक्रम में उनका फोटो शहर के सभी विधायकोंं के बाद लगाया गया था। यहां तक कि उनसे छोटे नेताओं को पहले तवज्जो दी गई। यही नहीं पांच नंबर विधानसभा में भी उनकी कुर्सी सीएम की कुर्सी से दूर लगाई गई। अब मोघे के साथ रहने वाले इसका कारण ढूंढ रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि साहब के वरिष्ठ होने के बावजूद उनकी शान में गुस्ताखी किसने की?
शहर के एक वार्ड से लगभग अपना टिकट फाइनल मान चुकी भाजपा की एक महिला नेत्री को पिछले दिनों उस्ताद यानि गोपी नेमा ने अपने अंदाज में समझा दिया कि जब बारिश हो तभी छाता निकालना चाहिए। दरअसल मेडम हर जगह अपना बायोडाटा लेकर घूम रही हैं और बार-बार नेताओं के सामने अपनी दावेदारी जता रही थी।
– संजीव मालवीय
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