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    ये पॉलिटिक्स है प्यारे

  • December 28, 2020

    नेताओं को अभी भी नहीं है कोरोना का डर
    पूरे प्रदेश में कोरोना को लेकर निर्वाचन आयोग ने निगम चुनावों को आगे बढ़ा दिया है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस के नेताओं को न तो कोरोना का डर है और न कार्यकर्ताओं की चिंता। कांग्रेस लगातार बैठकें कर रही हैं तो भाजपाइयों ने अटलजी का जन्मदिन मनाया, लेकिन बिना मास्क के…
    रेलवे से जारी है ताई की नाराजगी
    ताई जब केन्द्र की राजनीति में थी तब रेलवे के मामलों में रेल अधिकारियों को खूब आड़े हाथों लेती थीं। ताई के लूप लाइन में जाने के बाद अधिकारियों ने उन्हें तवज्जो देना बंद कर दिया, लेकिन ताई तो ताई ठहरी। अपनी आदत अनुसार वे पत्र लिख रही हैं और काम पूरा नहीं होने पर नाराजगी भी जाहिर कर रही है। उनका ताजा पत्र इन्दौर की रेल परियोजनाओं में देरी पर हैं जो रेलमंत्री को लिखा है, लेकिन देर हो गई, क्योंकि वर्तमान सांसद ऐसा ही एक पत्र पहले जारी कर चुके हैं।


    उतावले नेताजी ने खोल लिया कार्यालय
    कांगे्रस के एक नेताजी लंबे समय से पार्षद बनने की राह जोट रहे हैं, लेकिन उनके क्षेत्र से उनके ही समाज के नेता उनके समीकरण बिगाड़ देते हैं। अभी तो उनके एक साथी ने उस वार्ड में कार्यालय भी खोल लिया, जहां से उन्हें चुनाव लडऩा है। नेताजी का उतावलापन उन पर भारी पडऩे वाला है, क्योंकि चुनाव तो अभी होने नहीं वाले। अब नेताजी ढाई महीने तक चुनाव कार्यालय में बैठकर लोगों की समस्या निपटाएंगे या फिर नवलखा वाले ऑफिस में चले जाएंगे।
    हैं विधायक, महापौर की तरह दे दिया आश्वासन
    विधायक संजय शुक्ला को महापौर चुनाव लडऩे की हरी झंडी क्या मिली वे अपने आपको महापौर से कम नहीं आंक रहे हैं। फिलहाल कांग्रेस वार्डों में बैठक कर रही है और हर बैठक में वे मौजूद रहते हैं। पिछले दिनों वार्ड क्रमांक 71 में बैठक थी, विधायक शुक्ला भी वहां मौजूद थे। बैठक के बाद जब अस्थायी सफाईकर्मी महिलाओं ने उनसे परमानेंट करने की बात कही तो उन्होंने कहा कि वे उन्हें जरूर परमानेंट करवाएंगे, बस एक बार महापौर बन जाऊं। संजू भैया की तैयारी से वे कांग्रेसी भी उनके ईर्द-गिर्द घूमने लगे हैं जो टिकट के लिए इधर-उधर भटक रहे थे।
    खास गण के लिए ढूंढ रहे खास वार्ड
    सांसद शंकर के सभी गण इस बार नहीं तो कभी नहीं की तर्ज पर पार्षद चुनाव लडऩे का दावा कर रहे हैं, लेकिन सबको तो खुश नहीं किया जा सकता। इससे अलग हटकर शंकर अपने एक खास गण के लिए खास वार्ड ढूंढने में लगे हैं। ये वार्ड 1 या 4 नंबर विधानसभा में हो सकता है। शंकर के ये खास गण मालवा उत्सव और उसके जैसे अन्य आयोजनों में शुरू से ही सक्रिय हैं, लेकिन संगठन के पद से कभी आगे नहीं बढ़ पाए। इस बार वे खुलेआम दावेदारी भी कर रहे हैं। उनके समर्थक भी इस बार उन्हें पार्षद बनते देखना चाह रहे हैं ।
    भाजपा के खंजाची बने मंडी व्यापारी
    भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा के खास, लेकिन अभी नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे की नजदीकी मंडली में
    शामिल मंडी व्यापारी मुकेश मंगल अब खंजाची भी बन गए हैं। गौरव के अध्यक्ष बनने के बाद कोषाध्यक्ष गुलाब ठाकुर ने तो पूरा हिसाब बनाकर पार्टी को सांैप दिया था, लेकिन उन्हें अभी विधिवत निवृत नहीं किया है। हालांकि एक सडक़ दुर्घटना में घायल होने के बाद वे स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं और सभी प्रकार के बिल पास करने और लेनदेन की जवाबदारी मंगल के पास आ गई है। अब तो कार्यालय में बस मंगल ही मंगल सुनाई दे रहा है।
    नासिर की मुराद कब पूरी होगी?
    भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष रहे नासिर खान को पार्षद बनने की आस है, लेकिन उनकी पार्षदी का सपना जब तक पूरा नहीं होगा तब तक वे खजराना में नाहरशाहवली दरगाह कमेटी के सदर नहीं बन जाते। इसकी पूरी तैयारी नासिर ने कर ली थी, लेकिन कुछ ऐसे रोड़े राह में अटक गए हैं कि नासिर को मुरादें मांगना पड़ रही है। ये मुरादें भाजपा नेताओं से मांगी जा रही है, जो कब पूरी पता नहीं। बताया जा रहा है कि जो यहां का सदर बन गया उसकी पार्षदी का सपना पूरा हो गया, लेकिन जिन बड़े नेताओं ने नासिर की सिफारिश की है, उनमें से कुछ ने दूसरों से भी वादा कर रखा है। अब रहमत उसी पर बरसेगी, जिसे ऊपर वाला चाहेगा।
    यह तो तय है कि भाजपा और कांग्रेस के वार्ड के दावेदारों की आवाजाही दीनदयाल भवन और गांधी भवन में कम होने वाली है। उसका असर आज भाजपा में ठाकरे पुण्यतिथि पर दिख भी गया। दीवाली पर मिठाई और बायोडाटा लेकर बड़े नेताओं के पास पहुंचे दावेदार अब दो से तीन महीने घर बैठने वाले हैं और जुगत भिड़ा रहे हैं कि अब नए तरीके से फिर पापड़ बेलना पड़ेंगे।

    -संजीव मालवीय

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