img-fluid

ये पॉलिटिक्स है प्यारे

June 24, 2024

सबकुछ लुटा के होश में आए तो क्या किया…
पहले नोटा, अब कांग्रेस को मजबूत करने की कसम खाने वाले नेताओं के बारे में कहा जा रहा है कि सबकुछ लुटा के होश में आए तो क्या किया? शनिवार को हुई कांग्रेस की बैठक में नेताओं ने बढ़-चढक़र बात तो की और कांग्रेस को मजबूत बनाने के दावे किए। इसमें छोटे से लेकर बड़े नेता तक मौजूद थे। बात केवल एक ही बात पर टिकी कि कांग्रेस को अगर जिंदा रखना है तो प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन करना पड़ेंगे और उसी से लोग हमसे जुड़ेंगे। बड़े नेता भी अपनी जगह तलाश रहे हैं। खैर, अभी चुनाव दूर है, लेकिन कांग्रेस का दावा कहां तक पूरा हो पाता है यह देखना है। कहने वाले कह रहे हैं कि अगर ये सब चुनाव रहते कर लेते तो क्या होता? लेकिन तब तो हर कांग्रेसी नेता बन रहा था और उसी चक्कर में कांग्रेस का बंटाढार हो रहा था। कहीं कांग्रेस की गुटबाजी दावों की भेंट न चढ़ जाए?


नेतागीरी से बड़ी पेटपूजा
भूख तो भूख होती है, अब वो भले नेताजी की हो या आम आदमी की। हुआ यूं कि मुख्यमंत्री 51 लाख पौधारोपण के लांचिंग कार्यक्रम में आने वाले थे। वे ढाई घंटा लेट हो गए। उनके आगे-पीछे घूमने वाले नेता जब नक्षत्र कन्वेंशन सेंटर में पहुंचे तो उन्हें जोरों की भूख लग रही थी। मुख्यमंत्री के पहुंचने में समय था। बस फिर क्या था, आगे टेबल पर रखी प्लेट कई नेताओं ने सफाचट कर दी और बेचारे कार्यकर्ता तथा आगंतुक चुपचाप बैठे-बैठे उनके मुंह देखते रहे। उन्हें खाना तब मिला, जब मुख्यमंत्री का कार्यक्रम समाप्त हुआ।



टैंकरों की सांठगांठ
बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और अब टैंकरों के बंद होने का इंतजार है, लेकिन जो व्यवस्था टैंकरों की नगर निगम ने की है वो पर्याप्त नहीं है। दरअसल होना यह चाहिए कि टंैकरों के पीछे छोटे-छोटे नल लगा दिए जाएं, जिससे हर व्यक्ति को पानी मिले, लेकिन निगम के टैंकरों के साथ प्राइवेट टैंकरों में भी यह व्यवस्था नहीं है। केवल एक बड़े पाइप से जल वितरण कर दिया जाता है और इसमें भी सांठगांठ के चलते पूरा का पूरा टैंकर किसी के भी घर खाली कर दिया जाता है। वैसे कुछ नेता अगले साल से सुधार की बात कह रहे हैं।

अब कॉल सेंटर का क्या काम?
पहले भाजपा के नेता खुद अपने नीचे के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से संपर्क करके उन्हें सूचना देने का काम करते थे, लेकिन आईटी के चलते अब एसएमएस और वॉट्सऐप का जमाना है। इसी बीच किसी ने भाजपा संगठन को गणित दिया कि एक कॉल सेंटर बना लें और उसके माध्यम से सूचना करें। हालात यह हैं कि जब कॉल सेंटर से बड़े नेताओं से बात की जाती है तो वे इसे अपना अपमान समझते हैं। कभी-कभी तो एक बार से ज्यादा बार फोन कर दो तो वे कॉल सेंटर के ऑपरेटरों को ही झिडक़ देते हैं। वैसे अब कॉल सेंटर की कोई आवश्यकता नहीं है, इसकी जानकारी नगर अध्यक्ष तक पहुंचा दी गई है, लेकिन कार्यालय के ही एक नेता ने रणदिवे के कान में कुछ फूंक दिया है, यानी अभी कॉल सेंटर चलता रहेगा। -संजीव मालवीय

 

Share:

राख ने रोकी राऊ ब्रिज की राह

Mon Jun 24 , 2024
इंदौर। निर्माणाधीन राऊ फ्लायओवर की राह 50 डंपर फ्लायऐश ने रोक दी है। फ्लायऐश (राख) की आपूर्ति सिंगाजी पावर प्लांट से होना है। जब तक राख नहीं मिलती, तब तक फ्लायओवर की दोनों तरफ की रिटेनिंग वॉल के बीच भराव का काम पूरा नहीं होगा। करीब दो साल से राऊ फ्लायओवर बन रहा है, लेकिन […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
शनिवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved