आखिर आनंद का एनकाउंटर क्यों?
अभी तक कोई समझ नहीं पा रहा है कि आनंद पुरोहित का एनकाउंटर क्यों किया गया? कभी रमेश मेंदोला के गले का हार रहे आनंद पुरोहित पर जिस तरह से एफआईआर हुई है और मेंदोला ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं, उसकी चर्चा अभी तक खत्म नहीं हुई है। आमतौर पर मेंदोला चुप रहकर ही बहुत कुछ कह जाते हैं और उन्हें कोई समझ नहीं पाता। भाजपा नेता और उनसे जुड़े लोग अपना-अपना दिमाग लगा तो रहे हैं, लेकिन कारण की जड़ तक कोई जा नहीं पा रहा है। हालांकि उन लोगों के कलेजे में ठंडक पड़ी है, जिन्हें आनंद पुरोहित का आनंद नहीं सुहाता था।
विजयवर्गीय को लगा पढऩे का चश्मा
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी आखिरकार उम्र के इस पड़ाव पर आकर आखों के नंबर का चश्मा लग ही गया। पिछले दिनों वे रानू नेत्रम के पास पहुंचे और आंखों की जांच करवाई तो प्लस में 0.75 का नंबर आया। हालांकि ये माइनर नंबर है, लेकिन पहली बार विजयवर्गीय को लगे चश्मे को लेकर उनके नजदीकियों ने चुटकी ले ही ली कि भाईसाब की नजर तो पारखी थी ही, अब चश्मा लगने के बाद और पारखी हो गई है।
कांग्रेसियों को भाजपा में लाने का राज
3 नंबर विधानसभा में पिछले दिनों कुछ कामों का भूमिपूजन रखा गया था। इस मौके पर तीन इमली पुल के नीचे कुछ कांग्रेसियों को भाजपा में शामिल किया गया। खूब तालियां बजीं, लेकिन बाद में राज खुला कि इनमें से कुछ तो पहले से ही भाजपाई ही थे। विधायक के सामने वाहवाही लूटने के लिए कुछ लोगों ने ये प्लानिंग कर ली थी। खैर, विधायक तक भी उनके नजदीकियों ने मामला पहुंचा दिया है कि वहां क्या हुआ था।
महू में दो शक्ति केन्द्र
महू में महिलाओं के दो शक्ति केन्द्र बना दिए गए हैं। कविता पाटीदार यहां विधायक की दावेदार थीं। हालांकि उस समय वे जिला पंचायत अध्यक्ष भी थीं तो टिकट नहीं दिया गया। उषा ठाकुर को इन्दौर से भेजकर वहां से चुनाव लड़ाकर मंत्री बना दिया गया। अब कविता को भी कुछ मिलना था तो उन्हें संगठन में महामंत्री जैसा बड़ा पद दे दिया गया है। भाजपा में महामंत्री संगठन के लिहाज से ऊंचा पद होता है। कुल मिलाकर महू में दो शक्ति केन्द्र बना दिए गए हैं और देखना यह है कि इन दो शक्ति केन्द्रों में टकराव होता है या सामंजस्य की राजनीति?
क्यों नहीं मिल रही कांग्रेसियों को तवज्जो
कांग्रेसी लगातार अपने ऊपर हो रही कार्रवाई को लेकर परेशान हैं। आंदोलन करते हैं या कुछ करने जाते हैं तो पुलिस उन पर एफआईआर दर्ज कर देती है। पिछले 1 महीने से यही हो रहा है। कांग्रेसी समझ गए हैं कि ज्यादा आंदोलन करना नुकसानदायक ही है, लेकिन नेता कह रहे हैं कि चुनाव लड़े या अपने ऊपर प्रकरण दर्ज करवाते फिरते रहे।
सांवेर के चक्कर लगा रहे कांग्रेस नेता
तय है कि प्रेमचंद गुड्डू को सांवेर से चुनाव लडऩा है, पर फिर भी कुछ नेता इस तरह गांवों का दौरा करने लगे हैं जैसे वे ही सांवेर में चुनाव लडऩे जा रहे हैं। गुड्डू को तो 101 प्रतिशत सांवेर से ही लडऩा है, पर उनका क्या होगा जो वहां दौरे कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन नेताओं को गुड्डू की नजरें इनायत करने की आस है और फिर नजरें इनायत में क्या होता है आप भलीभांति जानते हैं।
… और अंत में
वे भाजपाई, जो कोरोना पॉजिटिव हो गए थे, उन्हें एक बात हजम नहीं हो रही है। युवा मोर्चा अध्यक्ष मनस्वी पाटीदार का कोरोना पॉजिटिव होना और फिर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का ट्वीट करना कि आप जल्द स्वस्थ हों। इन्दौर में बड़े-बड़े नेता कोरोना की चपेट में आए, लेकिन सहानुभूति मनस्वी के प्रति ही क्यों? इसका कारण भाजपाई खोजने में जुटे हुए हैं और मनस्वी क्वारेंटाइन रहने के बाद भी खुश हैं। इसी को तो पॉलिटिक्स कहते हैं प्यारे… -संजीव मालवीय
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