जिराती के मुंह से मधु की तारीफ के मायने
राऊ विधानसभा को लेकर जिराती और वर्मा के बीच राजनीतिक जंग कायम है, लेकिन जिस तरह से एक कार्यक्रम में जिराती ने वर्मा की तारीफों के पुल बांधे हैं, उसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल जिराती ने प्रभारी मंत्री मिश्रा के सामने कहा था कि मधु वर्मा हमारे नेता हैं। उन्होंने 5 साल में विधानसभा में कई काम किए हैं और नेतृत्व किया है। ये सुन जिराती और वर्मा समर्थक भी आश्चर्य में पड़ गए। वैसे दोनों ऊपर से एक हैं, लेकिन राऊ विधानसभा सीट पर दोनों अपना दावा किए हुए हैं। पिछली बार टिकट से चूके जिराती इस बार चूकना नहीं चाह रहे हैं, लेकिन मधु की तारीफ कर उन्हें वरिष्ठ नेता बता रहे हैं। तो क्या जिराती चुनाव नहीं लड़ेंगे या फिर मधु को वरिष्ठ बताकर उन्हें अपने रास्ते से हटाने की कोई नई चाल है? हालांकि इस बीच कोई नया नाम भी यहां सामने आ सकता है।
अब समझ आया नासिर का दांव
पहले अल्पसंख्यक मोर्चा और अब हज कमेटी को लेकर भाजपा में विरोध का बवाल चल रहा है। इसके पीछे पूर्व शहर अध्यक्ष नासिर शाह ने ऐसा दांव चला कि अपने विरोधियों को बाहर कर दिया। विरोधी भी चाह रहे थे कि हज कमेटी का अध्यक्ष उनके खाते से आ जाए, लेकिन नासिर ने भोपाल में रफत वारसी के मार्फत नियुक्ति करवा ही ली। अल्पसंख्यक मोर्चा के नगर अध्यक्ष पर अपने समर्थक की नियुक्ति नहीं करवा पाए, नासिर अब पर्दे के पीछे एक तरह से हज कमेटी के कर्ताधर्ता हो गए हैं।
मैच के रोमांच के साथ इनाम भी लो
विधायक संजय शुक्ला और उनकी टीम कुछ न कुछ नया करती रहती है। फिलहाल शुक्ला अपने क्षेत्र में विधायक ट्राफी करवा रहे हैं, जिसमें हर दिन विजेता टीम को इनाम दे रहे हैं, लेकिन लोगों का मैच देखने का रोमांच बढ़ाने के लिए उन्होंने दर्शकों के लिए भी इनाम घोषित कर रखे हैं। उन्होंने दर्शकों में जाने वाली छक्के की गेंद का कैच लेने पर इनाम देने की घोषणा की है। कई बार तो दर्शक कैच पकडऩे के चक्कर में एक-दूसरे पर गिर पड़ते हैं, लेकिन इनाम लेकर ही मानते हैं।
कांग्रेसी और भाजपाइयों का कथा में मिलन
केवड़ेश्वर में हुई उत्तम स्वामी की श्रीराम कथा के लिए बनाई गई समिति में कांग्रेस और भाजपाइयों का कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चर्चा का विषय रहा। जिन नेताओं को राऊ विधानसभा से चुनाव लडऩा है, वे यहां सक्रिय दिखे तो कइयों ने उनके समर्थकों को यहां सक्रिय कर रखा था। इनमें कांग्रेस नेता ओम सिलावट, संदीप गोयल, मनीष पटेल, भाजपा नेता कमल गोस्वामी, रवि पांचाल, अखिलेश शाह, रवि रावलिया, कांग्रेस से भाजपा में आए लकी अवस्थी भी पूरे समय मौजूद रहे और गलबहिया करते देखे गए। हालांकि आयोजन धार्मिक था, इसलिए कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। कथा के दौरान विधायक जीतू पटवारी, संजय शुक्ला, सत्यनारायण पटेल, मधु वर्मा, सांसद शंकर लालवानी भी हाजरी देने पहुंचे। सभी ने अपने-अपने हिसाब से कथा में सहयोग भी किया। वैसे इनमें से कुछ की मंशा राजनीतिक जरूर थी। बताया जाता है कि खुलेहाथ से उन्होंने कथा में सहयोग भी किया।
पहले अपने गिरेबां में तो झांक लेते
चार-पांच लोगों को इकट्ठा कर ज्ञापन देने और आंदोलन करने वाले कुछ कांग्रेसी पिछले दिनों रेलवे स्टेशन पहुंच गए। मामला रेलवे स्टेशन के पार्किंग में अवैध वसूली का था। भाजपा से जुड़े एक व्यक्ति का पार्किंग स्टैंड नियमों के विरूद्ध चलने में अव्वल है। जब कांग्रेसी ज्ञापन दे रहे थे, तब उन्होंने यह नहीं देखा कि इसमें वे कांग्रेसी भी शामिल हैं, जो कभी रेलवे स्टेशन पर स्टैंड चलाते थे। किसी ने कह दिया कि नेताजी यहां आने के पहले अपने गिरेबां में तो झांक लेते।
महिलाओं से अभद्रता करता है पार्षद का बेटा
कुछ महिलाएं भाजपा के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के पास शिकायत लेकर पहुंचीं और कहा कि भाजपा के एक पार्षद का बेटा जो निगम में दरोगा है, वह उनके साथ अभद्रता करता है और गालियां बकता है। दरअसल ये महिलाएं गोपाल मंदिर क्षेत्र में दुकान लगाने वाली थीं, जिन्हें वहां से हटाया गया है। महिलाओं का आरोप था कि जब दूसरे लोग दुकान लगाते हैं तो हम क्यों नहीं लगा सकते। इस पर लेन-देन कर दुकान लगाने की बात कही जाती है।
दोषियों को बचाने के लिए सक्रिय हुए नेता
बावड़ी हादसे का बवाल एक बार फिर सामने आने वाला है। जिस जगह बावड़ी है, वहां एक ओर पटेल नगर तथा स्नेह नगर में गुजराती पटेल परिवारों की संख्या ज्यादा है तो दूसरी ओर सिंधी कालोनी की ओर सिंधी समाज के लोग रहते हैं। जब हादसा हुआ था, तब पुलिस ने मंदिर ट्रस्ट के सेवाराम गलानी और मुरली सबनानी को आरोपी बनाकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी, लेकिन मामले को राजनीतिक रंग दे दिया गया और अब सिंधी समाज का एक बड़ा धड़ा दोनों को निर्दोष बताकर उन पर से एफआईआर हटवाना चाह रहा है। इसके लिए भाजपा के नेताओं से सिंधी समाज के लोग लगातार संपर्क में हैं और एक वजनदार नेता के मार्फत पूरी प्रक्रिया चल रही है।
एक नंबर विधानसभा में भाजपा में चल रही राजनीतिक उठापटक कम होने का नाम नहीं ले रही है। सुदर्शन गुप्ता के विरोधी इस बार उन्हें किसी भी तरह से टिकट लेने से रोकना चाह रहे हैं। इसके पीछे एक बड़ी लॉबी काम कर रही है। पिछले दिनों जब सत्तन गुरु मुख्यमंत्री से मिलने गए थे तो बंद कमरे में 35 मिनट तक कई बातें हुईं। अब यह बात सामने आ रही है कि भोपाल में गुप्ता के टिकट का विरोध हुआ है और टिकट देने पर पुराने परिणाम आने की बात कही जा रही है। -संजीव मालवीय
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