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    ये पॉलिटिक्स है प्यारे

  • August 31, 2020


    सिलावट के लिए सोनकर का रतजगा
    सीएम इन्दौर आए और प्रोटोकाल के हिसाब से मंत्री तुलसी सिलावट हर कार्यक्रम में साथ थे। दोपहर से उन्होंने सीएम का साथ पकड़ा तो आखिर में एयरपोर्ट पर ही छोड़ा। जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर सीएम के साथ एयरपोर्ट पर थे और उसके बाद वे कुमेड़ी पहुंच गए, जहां सांवेर विधानसभा का कार्यक्रम होना था। हालांकि इसके पहले तैयाािरयों को लेकर वे रतजगा भी कर चुके थे। कभी इस सीट पर दावेदारी करने वाले सोनकर का ये रतजगा और कुमेड़ी के कार्यक्रम को सफल बनाने में जिस तरह से वे भिड़े थे, उससे उनके समर्थक भी आश्चर्यचकित थे, क्योंकि पहले सोनकर अपने कार्यक्रम के लिए निश्चिंत रहते थे, लेकिन कभी अपने धुर विरोधी रहे सिलावट के लिए उनकी मेहनत अब देखते ही बन रही है। यही तो पॉलीटिक्स है प्यारे…कब क्या करवा दे।
    बिना मास्क मना लिया नेताजी ने जन्मदिन
    कांग्रेस के श्रमिक क्षेत्र के एक सांईभक्त नेता है। पिछले दिनों उन्होंने अपनी बेटी का जन्मदिन मनाया और अपने नए कार्यालय का शुभारंभ कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के हाथों कराया। पूरे समय नेताजी, उनका परिवार और वहां मौजूद कार्यकर्ता बिना मास्क के ही सबसे मिलते रहे, जबकि शहर में कोरोना चरम पर है और बिना मास्क चालान किए जा रहे हैं। खैर, नेताजी का न चालान बना और न ही उन्हें किसी ने रोका-टोका।
    पार्षद के दावेदार के लड्डू हजम नहीं हुए
    दीनदयाल भवन में स्थापित गणेशजी की प्रतिमा की आरती हर दिन अलग-अलग विधानसभा के कार्यकर्ताओं द्वारा की जाती है। 3 नंबर का नंबर आया तो पूर्व पार्षद पति और अब खुद दावेदार बने नेताजी जो लड्डू लाए थे वे कार्यकर्ताओं को हजम नहीं हुए। हालांकि लड्ड दूसरे कार्यकर्ता भी लाए थे, लेकिन उनके लड्डू देशी घी के थे और नेताजी के लड्डू तो डालडा के भी नहीं लग रहे थे। ऐसा न हो इस बार गणेशजी की कृपा नेताजी पर न हो।
    जलवा कायम है टंडन का
    सिंधिया मेरियट होटल में ठहरे थे और वहां उनके खास उनसे मिल रहे थे। सिंधिया के आगे-पीछे वो भी थे जो अभी तक भाजपा में नहीं आए हैं। इनमें अजय सेंगर, तिवारी और राजू चौहान भी थे। टंडन तो भाजपा में आ गए हैं। उनका सिंधिया के सामने वैसा ही जलवा कायम है। होटल में सिंधिया से मिलने गए टंडन को जब पुलिस अधिकारियों ने रोका तो उन्होंने अपनी स्टाइल में न केवल उन्हें झाड़ दिया और बता दिया कि भले ही वे किसी पद पर नहीं है, लेकिन टाइगर अभी जिंदा है। महाराज और मेरे बीच पुलिस का क्या काम? उनकी इस स्टाइल को देखकर पुलिस अधिकारियों ने चुप रहना ही ठीक समझा।
    तवज्जो नहीं मिल रही कांग्रेसियों को
    कांग्रेसी इन दिनों हर मुद्दे पर मात खा रहे हैं। पटवारी पर जितनी जल्दी पुलिस ने प्रकरण दर्ज करने में दिखाई, उतनी जल्दी कांग्रेसी डीआईजी ऑफिस पहुंच गए और कहा कि 3 दिन में उन पर से प्रकरण नहीं हटाया और हमने जो लिस्ट दी है, उन भाजपा नेताओं पर प्रकरण दर्ज नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा। बात आई-गई हो गई। इसके बाद मंत्री सिलावट और कलेक्टर तक खराब फसलों को लेकर खेत में उतर गए थे, लेकिन कांग्रेसी लेट हो गए। रेसीडेंसी पर कलेक्टर से तो मिले, लेकिन उसके अगले ही दिन सीएम ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया और कह दिया कि किसानों को बीमे की राशि मिलेगी। कांग्रेसी देर से तो आ रहे हैं, लेकिन दुरूस्त नहीं।
    सरकार आने के बाद भी भाजपाइयों के फजीते
    प्रदेश में भाजपा की 15 साल सरकार रही, लेकिन नेताओं और कार्यकर्ताओं पर लगे राजनीतिक मुकदमे नहीं हट सके। ऐसे ही मुकदमों को लेकर त्यौहार के पहले पुलिस बांडओवर की कार्रवाई कर रही है। भाजपाइयों को पुलिस ऐसे बुलाती है जैसे ये बहुत बड़े अपराधी हो। ऐसा ही अभी चल रहा है। पुलिस इन्हें बुला रही है और इनके द्वारा शांति भंग करने की आशंका होने पर बांड ओवर की कार्रवाई कर रही है। कार्यकर्ता झल्ला रहे हैं और अपनी पीड़ा बड़े नेताओं के सामन बयां कर रहे हैं, क्या इसी दिन के लिए हमने आंदोलन किया था और अपने ऊपर मुकदमे लदवाए थे? वैसे हो सकता है कि सरकार उपचुनाव के बाद इस बारे में कोई िनर्णय ले।
    ताई समर्थकों को हजम नहीं हुआ सुपरस्पेशलिटी
    सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल का शुभारंभ हुआ और जिस तरह से विधायक आकाश विजयवर्गीय को सीएम ने आगे किया, उससे ताई समर्थकों के पेट में मरोड़े आ गए। सोशल मीडिया पर मैसेज चलाया गया कि ताई ने ही यहां की जमीन दिलवाई और ताई के प्रयासों से ही अस्पताल तैयार हुआ है। यहां आकाश ने बाजी मार ली। बुलाया तो ताई को भी था, लेकिन ताई नहीं आईं तो समर्थकों को भी तवज्जो नहीं मिली। अब समर्थक कह रहे हैं कि अस्पताल का नाम ताई के नाम पर करो। हालांकि ताई ने इस बात पर संतोष किया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ऑनलाइन भाषण में उनका नाम तो लिया।
    बताया जा रहा है कि सीएम की प्रेस कान्फ्रेंस न हो इसको लेकर एक अधिकारी ने रोड़े अटकाए और ऐनवक्त पर कान्फ्रेंस निरस्त भी हो गई थी। कारण साब से कोई बुराई नहीं लेना चाहता था। पत्रकार रेसीडेंसी पहुंच गए थे और आखिर तक प्रेस कान्फ्रेंस करवाने पर बादल मंडरा रहे थे, लेकिन नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे अड़ गए और कह दिया कि भले ही सीएम की प्रेस से पांच मिनट बात हो, बात तो होगी ही। उन्होंने सीएम को भी बता दिया था। अब ये कान्फ्रेंस कौन नहीं होने देना चाह रहा था, इसकी जानकारी आप निकाल लो।

    -संजीव मालवीय

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