नई दिल्ली: भारतीय सेना ने अपने कई पुराने रिवाजों को बंद करने का फैसला किया है. पीएम मोदी के निर्देश के बाद इंडियन आर्मी अंग्रेजों के जमाने की कई प्रथाओं जैसे कार्यक्रमों में घोड़े से चलने वाली बग्घियों का इस्तेमाल करना, रिटायरमेंट पर पुलिंग आउट सेरेमनी और डिनर के दौरान पाइपर्स बैंड का उपयोग खत्म करने जा रही है. इस संबंध में भारतीय सेना ने अपनी यूनिट्स को आदेश जारी कर दिया है.
आदेश में कहा गया है कि औपचारिक कार्यों के लिए इकाइयों या संरचनाओं में बग्घियों का इस्तेमाल करना बंद किया जाएगा और इन कार्यों के लिए जिन घोड़ों का इस्तेमाल होता है, उन्हें अब ट्रेनिंग के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. कुछ यूनिट के अंग्रेजी नामों, बिल्डिंग, प्रतिष्ठानों, सड़कों, पार्कों, औचिनलेक या किचनर हाउस जैसी संस्थाओं के नाम बदलने की भी समीक्षा की जा रही है और इस संबंध में कई मामलों में कार्रवाई की जा चुकी है.
पुलिंग आउट समारोह में कमांडिंग ऑफिसर या एक वरिष्ठ अधिकारी के वाहन को यूनिट में अफसर और सैनिक उनकी पोस्टिंग या रिटायरमेंट पर खींचते हैं. सेना के अधिकारी ने कहा कि यह प्रथा बहुत व्यापक रूप से नहीं देखी गई. क्योंकि जब अधिकारी रिटायर होते हैं या दिल्ली से बाहर तैनात होते हैं तो उनके वाहनों को नहीं खींचा जाता है.
इसके अलावा अधिकारियों ने कहा कि पाइप बैंड भी केवल कुछ पैदल सेना यूनिट्स में शामिल हैं और डिनर के दौरान उनका उपयोग बहुत ही सीमित है. क्योंकि बहुत ज्यादा यूनिट्स के पास पाइप बैंड नहीं हैं. भारतीय सेना उन पांच प्रतिज्ञाओं के अनुरूप राष्ट्रीय भावना के अनुरूप इन विरासत प्रथाओं की समीक्षा कर रही है जिन्हें प्रधानमंत्री ने लोगों से पालन करने के लिए कहा है.
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