नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar) की हत्या का एक सीसीटीवी वीडियो (cctv video) सामने आया है। निज्जर की कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत (British Columbia province of Canada) के सरे इलाके में एक गुरुद्वारे की पार्किंग में बंदूकधारियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। वाशिंगटन पोस्ट की ओर से जारी एक रिपोर्ट में घटना के प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत को साझा किया गया है। सीसीटीवी वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों से बात के अनुसार निज्जर की हत्या में कम से कम छह हमलावर दो वाहनों से आए (Six attackers came in two vehicles) थे। अमेरिकी अखबार ने कहा कि उसकी ओर से समीक्षा की गई 90 सेकंड की वीडियो रिकॉर्डिंग में निज्जर के ग्रे पिकअप ट्रक और एक सफेद सेडान को गुरुद्वारे की पार्किंग में एक साथ चलते हुए देखा गया है।
वीडियो पर आधारित वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि सफेद सेडान अचानक सामने आ जाती है और निज्जर के पिकअप ट्रक को रोकने के लिए ब्रेक लगा देती है। वीडियो में दिखाया गया है कि हुड वाली स्वेटशर्ट पहने दो लोग आते हैं और बंदूकों को ट्रक की सीट पर बैठे निज्जर पर तान देते हैं। फिर सेडान कार पार्किंग स्थल से बाहर निकल जाती है। दोनों हमलावर भी एक ही दिशा में दौड़ते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया है कि हमलावरों ने करीब 50 राउंड फायरिंग की थी, जिनमें से 34 गोलियां निज्जर को लगीं।
द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि गुरुद्वारे के एक स्वयंसेवक भूपिंदरजीत सिंह पास में फुटबॉल खेल रहे थे। जब उन्होंने पहली बार गोलीबारी की आवाज सुनी तो लगा कि आतिशबाजी हो रही है। उन्होंने निज्जर का जिक्र करते हुए वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि मेरा दूसरा विचार गोलियों की आवाज पर भी गया। फिर वह निज्जर के पिकअप ट्रक के पास पहुंचे। दरवाजा खोला तो निज्जर ने उनके कंधे पकड़ लिया। भूपिंदरजीत सिंह ने मीडिया रिपोर्ट में बताया कि मौके पर खून, टूटे हुए शीशे और जमीन पर गोलियां बिखरी पड़ी थीं।
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम के अनुसार पुलिस को रात 8:27 बजे (स्थानीय समय) के आसपास गोलीबारी की पहली रिपोर्ट मिली। पूरी घटना गुरुद्वारे के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फुटेज को कनाडाई जांच एजेंसियों के साथ साझा किया गया है। भूपिंदरजीत सिंह ने मीडिया रिपोर्ट में कहा है कि सरे पुलिस और आरसीएमपी के बीच घंटों तक खींचतान चलती रही थी। वे तय नहीं कर पा रहे थे कि जांच का नेतृत्व कौन करेगा? इसके कारण कुछ मामलों में देरी हुई।
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