नई दिल्ली: इजराइल और हमास के बीच करीब दो महीने से युद्ध जारी है. इस बीच सात दिनों का युद्धविराम भी हुआ लेकिन इजराइली सेना फिर से गाजा में बम बरसा रही है. उसकी मंशा हमास को मिटाने की है और उसके ठिकाने तबाह करने की है. इस बीच इजराइल ने अरब मुल्कों को गाजा के भविष्य को लेकर कुछ संदेश भेजा है. इजराइल ने फिलिस्तीनी साइड पर गाजा में एक बफर जोन बनाने की बात कही है. इस बारे में उसने सऊदी अरब और तुर्की को भी जानकारी दी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइल ने अपनी योजनाओं के बारे में संयुक्त अरब अमीरात के साथ-साथ अपने पड़ोसियों मिस्र और जॉर्डन को संदेश भेजा है. इन देशों ने 2020 में इजराइल के साथ अपने संबंध सामान्य कर लिए थे. इस बारे में सऊदी अरब को भी इजराइल ने संदेश दिया है, लेकिन सऊदी के साथ उसके रिश्ते अभी सामान्य नहीं हुए हैं. हमास के हमले के बाद से इजराइल-सऊदी के बीच चल रही बातचीत फिलहाल रोक दी गई है.
इजराइल गाजा पट्टी के भविष्य को लेकर मानो स्पष्ट है. एक न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की मानें तो इजराइल ने बफर जोन बनाने की बात तुर्की को भी बताई है, जो कि अपने आपको ग्लोबल मुस्लिम देशों का लीडर बनना चाहता है. हालांकि, तुर्की एक गैर-अरब मुल्क है और इजराइल के साथ भी उसकी खींचतान बनी रहती है. इजराइल ने इस बारे में कतर को जानकारी दी है या नहीं, यह अभी, स्पष्ट नहीं है. कतर की मध्यस्थता की वजह से ही हमास ने बंधकों को रिहा किया है.
किसी भी अरब मुल्क ने भविष्य में गाजा पर पुलिस या प्रशासन की पहरेदारी लगाने की कोई इच्छा नहीं दिखाई है और अधिकांश ने इजराइल के हमले की निंदा की है, जिसमें 15,000 से अधिक लोग मारे गए हैं. हमास ने 7 अक्टूबर के हमले में 1,200 लोगों की जान चली गई थी और 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था. हालांकि, इनमें मिस्र-कतर और ईरान की मध्यस्थता से दर्जनों बंधकों को रिहा कर दिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, “इजराइल गाजा और इजराइल के बीच उत्तर से दक्षिण तक एक बफर जोन चाहता है ताकि किसी भी हमास या अन्य आतंकवादियों को घुसपैठ करने या इजरायल पर हमला करने से रोका जा सके.” मिस्र, सऊदी, कतरी और तुर्की की सरकारों ने रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है.
रॉयटर्स रिपोर्ट के मुताबिक, एक अमेरिकी अधिकारी ने पहचान बताने से इनकार करते हुए कहा कि इजराइल ने किसी को बताए बिना बफर जोन का विचार “प्रस्तावित” किया था, लेकिन अधिकारी ने फिलिस्तीनी क्षेत्र के आकार को कम करने वाली किसी भी योजना पर अमेरिका के विरोध को दोहराया. मसलन, अमेरिकी अधिकारी की मानें तो इजराइल ने इस बारे में अमेरिका से बात नहीं की है. जॉर्डन, मिस्र और अन्य अरब देशों ने आशंका जताई की है कि इजराइल फिलिस्तीनियों को गाजा से बाहर निकालना चाहता है. यह ठीक 1948 की घटनाओं जैसा है जब फिलिस्तीनियों को अपने ही घर से बेदखल होना पड़ा था.
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