मुंबई। कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय बाजारों में आज सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। एमसीएक्स पर सोना वायदा 0.11 फीसदी गिरकर 49,394 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि चांदी 0.71 फीसदी गिरकर 66,821 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। पिछले सत्र में सोना 0.18 फीसदी गिरा था, जबकि चांदी 0.5 फीसदी तक लुढ़की थी। सोने को मुद्रास्फीति और मुद्रा दुर्बलता के खिलाफ एक बचाव माना जाता है, जो व्यापक उत्तेजना के परिणामस्वरूप हो सकता है।
अमेरिकी डॉलर में उतार-चढ़ाव, बढ़ते कोरोना वायरस के मामले और इससे संबंधित प्रतिबंध, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से मिश्रित आर्थिक डाटा, अतिरिक्त प्रोत्साहन उपायों और ब्रेक्सिट अनिश्चितता से सोने और चांदी की कीमत में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। ईटीएफ का प्रवाह सोने में कमजोर निवेशक रुचि को दर्शाता है। बाजार के विश्लेषक टैक्स बढ़ोतरी, अमेरिका-चीन संबंध, मुद्रा बाजार भागीदारी आदि जैसे अन्य मुद्दों के बारे में अधिक स्पष्टता चाहते हैं।
कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों और सरकारों द्वारा राजकोषीय उपायों ने पिछले साल सोने की कीमतों में 25 फीसदी से अधिक की वृद्धि की थी, जबकि चांदी लगभग 50 फीसदी बढ़ गई थी। भारत में सोना अपने अगस्त के उच्च स्तर यानी 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम से काफी नीचे है। भारत में सोने पर 12.5 फीसदी आयात शुल्क और तीन फीसदी जीएसटी लगता है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के उबरने के साथ भारत में 2021 के दौरान उपभोक्ता भावनाओं में सुधार हो रहा है और सोने की मांग सकारात्मक दिखाई दे रही है।
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