कड़ी मेहनत के बाद परीक्षा देने आए छात्र नाराज… जांच कमेटी से बोले- सख्त कार्रवाई की जाए
इन्दौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी (Devi Ahilya University) में पेपर लीक (papers leaked) होने पर विद्यार्थियों (students) के प्रदर्शन और हंगामों का दौर जारी है। प्रबंधन (management) का कहना है कि कमेटी बनाई जा चुकी है। रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी। विद्यार्थियों का कहना है कि सिर्फ कमेटी बनाने से काम नहीं चलेगा, कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। विद्यार्थी कड़ी मेहनत के बाद परीक्षा में बैठते हैं और पेपर लीक जैसी घटनाएं उनके आत्मविश्वास को कमजोर करती है। इसलिए ऐसी घटनाओं में लिप्त लोगों के विरोध में पुलिस कार्रवाई की मांग की जा रही है।
यूनिवर्सिटी में बीकॉम और एमबीए की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के बाद छात्र संगठनों ने विद्यार्थियों के साथ यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन लगातार जारी रखा है और ज्ञापन भी सौंपे जा रहे हैं। कुलपति, रजिस्टर और प्रभारी परीक्षा नियंत्रक घटना में सावधानी तो रख रहे हैं, साथ ही जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद निर्णय करने का आश्वासन भी विद्यार्थियों को दे रहे हैं। उधर छात्र संगठनों में एबीवीपी और एनएसयूआई नेताओं को मौका मिल गया है और वे कुलपति और रजिस्टर के इस्तीफे की मांग भी कर रहे हैं। इनका कहना है कि 3 साल से लगातार पर्चे लीक होने की घटनाएं हो रही हैं। 11 बार अलग-अलग विषयों के पर्चे लीक हुए हैं, जिसमें सर्वाधिक बीकॉम विषय के पर्चे हैं। सिर्फ एक बार ही पुलिस कार्रवाई हुई है, जिसमें एफआईआर की गई थी और गिरफ्तारियां भी हुई हैं। छात्र नेताओं का कहना है कि प्रमुख पदों पर बैठे कुलपति और रजिस्ट्रार जवाबदारियों से बच नहीं सकते। उधर परीक्षा नियंत्रक डॉ अशेष तिवारी विगत तीन सप्ताह से अवकाश पर चल रहे हैं, जो अगले महीने ही छुट्टियां मना कर लौटेंगे। ऐसे में प्रबंधन की परेशानियां बनी हुई हैं। हाल ही में हुए एमबीए और बीकॉम के पर्चे लीक मामले में प्राचार्य सुधा सिलावट, लक्ष्मीकांत त्रिपाठी और प्रोफेसर राजीव दीक्षित की कमेटी बनाई गई है, जो एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
राजभवन में दस्तक देंगे छात्र संगठन
पर्चो लीक होने का मामला अभी लंबा चलेगा। जांच कमेटी बनाने और रिपोर्ट के इंतजार में छात्र नेता संतुष्ट नहीं होने से वह राजभवन तक इस मामले को पहुंचाने जुट गए हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से राज्यपाल तक जानकारी भी पहुंचा दी गई है। खास बात यह है कि कुलपति के कार्यकाल को अंतिम समय चल रहा है, वहीं प्रभारी रजिस्ट्रार अजय वर्मा इस मामले में परेशान नजर आ रहे हैं।
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