इन्दौर। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के चलते नगर निगम और एनजीओ की टीमों द्वारा शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में कार्रवाई करते हुए सडक़ किनारे डेरा जमाने वालों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अब तक करीब 10 स्थानों पर कार्रवाई करते हुए उनके डेरे, तंबू हटाए गए और उन्हें बेटमा, धार, झाबुआ, बाग, टांडा से लेकर बासवाड़ा तक बसों में रवाना किया गया।
इससे पहले निगम को शिकायतें मिली थीं कि मंदिरों के आसपास फिर से भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों की तादाद बढऩे लगी है, जिस पर एनजीओ की टीम संस्था प्रवेश के वालेंटियरों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। अन्नपूर्णा मंदिर, रणजीत हनुमान, हरसिद्धि, पंढरीनाथ और गोपाल मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में भिक्षावृत्ति करने वाले करीब 15 से ज्यादा लोगों को पकडक़र परदेशीपुरा रेस्क्यू होम में भेजा गया। नगर निगम ने भिक्षावृत्ति करने वालों को हटाने के लिए परम पूज्य रक्षक आदिनाथ वेलफेयर एंड एज्युकेशनल संस्था को जिम्मेदारी दे रखी है और पूर्व में भी संस्था की टीमों ने कई जगह यह अभियान चलाया था, लेकिन थोड़े ही दिन में भिक्षावृत्ति करने वालों की टीम फिर शहर में अलग-अलग स्थानों पर डट गई थी।
अध्यक्ष रूपाली जैन के मुताबिक शहर के कई स्थानों पर सडक़ किनारे डेरे-तंबू लगाकर बसाहट करने वालों को हटाने का काम शुरू किया गया है। करीब 40 परिवारों को अब तक व्हाइट चर्च, अरबिन्दो हास्पिटल, लवकुश चौराहा, विजयनगर भंवरकुआं और कई अन्य क्षेत्रों से हटाने की कार्रवाई की गई है। इनमें कई लोग सडक़ किनारे सामान बेचने के बहाने वहां अपनी बसाहट कर लेते हैं और इसके बाद आसपास के क्षेत्रों में गंदगी और कचरा फैलाने की शिकायतें आने लगती हंै।
सभी के टिकट कराकर बसों से किया रवाना
संस्था के पदाधिकारियों ने सडक़ किनारे डेरा जमाकर रहने वाले लोगों से जब बातचीत की तो पता चला कि उनमें से कुछ धार, बाग, टांडा के हैं तो कुछ लोग बेटमा, झाबुआ, बांसवाड़ा और राजस्थान के कुछ अन्य गांवों के हैं, जो सामग्री बेचने और भिक्षावृत्ति के उद्देश्य से यहां आए थे। संस्था ने ऐसे सभी लोगों के विभिन्न शहर की बसों के टिकट कराकर उन्हें अपनी निगरानी में बसों में बैठाकर रवान किया।
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