डेस्क: अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ग्रीनलैंड को अधिकृत करने वाले बयान के बाद विवाद बढ़ता ही जा रहा है. उनके इस बयान का विरोध ग्रीनलैंड और डेनमार्क के नेताओं ने कड़े शब्दों में किया है. अब अमेरिका के भी टॉप डिपलोमेट ने ट्रंप की इस मंशा को फिजूल बताया है. विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को पेरिस में कहा कि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक भाषा के बावजूद, ग्रीनलैंड पर अमेरिका का कब्जा कभी नहीं होगा.
एंटनी ब्लिंकेन ने कहा, “ग्रीनलैंड के बारे में ट्रंप ने जो विचार व्यक्त किए हैं, वो अच्छे नहीं है. यह साफ तौर से ऐसा है जो हो नहीं सकता है, इसलिए हमें इसके बारे में बात करने में बहुत समय बर्बाद नहीं करना चाहिए.”
मंगलवार को फ्लोरिडा में एक प्रेस कान्फ्रेंस में ट्रंप ने अमेरिका से कनाडा को अपने में समाहित करने का आह्वान किया और पनामा नहर और ग्रीनलैंड पर कब्ज़ा करने के लिए सैन्य बल के इस्तेमाल से भी इनकार नहीं किया. ट्रंप ने कहा कि हमें आर्थिक सुरक्षा के लिए इसकी आवश्यकता है.
ट्रंप के आक्रामक ‘अमेरिका फ़र्स्ट’ दृष्टिकोण का खंडन करते हुए, ब्लिंकन ने कहा कि बाइडेन प्रशासन इस विश्वास के साथ काम कर रहा है, “जब हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करते हैं तो हमें बेहतर परिणाम मिलते हैं. हम अधिक मज़बूत हैं, हम अधिक प्रभावी हैं- ऐसी बातें न कहें या न करें जो उन्हें अलग-थलग कर दें.”
ब्लिंकन ने कहा कि हाल में इतनी सारी चीज़ें हो रही हैं कि मैं यही कहना चाहता हूं कि आने वाला प्रशासन पहले दिन से ही पूरी तरह से तैयार हो. उन्होंने कहा, “हम बहुत सारे सकारात्मक अवसर, पहल, काम सौंप रहे हैं और अगर अगला प्रशासन इसे आगे बढ़ाने का फैसला करता है, तो मुझे लगता है कि यह अमेरिका के हित में होगा.” ब्लिंकन ने इन मुद्दों से हटकर विश्व के दूसरे मुद्दे जैसे रूस-यूक्रेन और गाजा युद्ध विराम पर काम करने की सलाह दी.
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