बंगलूरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र पर अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिप्पाडी को 150 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया कि यह रिश्वत वक्फ संपत्ति पर अतिक्रमण के मुद्दे की जांच को दबाने के लिए दी गई थी। कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के इन आरोपों पर भाजपा नेता ने पलटवार किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने इन आरोपों को एक मजाक बताया।
मीडिया से बात करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने सिद्धारमैया के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “आज अनवर मनिप्पाडी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि विजयेंद्र ने नहीं, बल्कि कांग्रेस के लोगों ने उनसे संपर्क किया था। जहां तक मेरे खिलाफ प्रियांक खरगे और सिद्धारमैया के आरोपों का सवाल है कि मैंने अनवर मणिप्पाडी को 150 करोड़ रुपये की पेशकश की थी, यह एक बड़ा मजाक है। जब आरोप कांग्रेस नेताओं पर हैं तो मेरे द्वारा कांग्रेस नेताओं की मदद की पेशकश करने का सवाल कहां से उठता है? यह अर्थहीन है। मुख्यमंत्री ने कल जो भी मुद्दे उठाए, हम उसका जवाब सदन में देंगे।”
शनिवार को सीएम सिद्धारमैया ने अपने बयान में कहा था कि मणिप्पाडी ने सार्वजनिक रूप से यह बयान दिया था कि बी.एस. येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री रहते हुए विजयेंद्र ने उनके घर पर आकर वक्फ संपत्ति घोटाले की रिपोर्ट पर चुप रहने के लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की थी। उन्होंने यह भी कहा कि मणिप्पाडी ने विजयेंद्र को अपने घर से बाहर निकाला था और इस मामले की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को दी थी।
इसके अलावा सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि अब इन रिश्वत के आरोपों और विजयेंद्र की बढ़ती भूमिका को देखकर यह स्पष्ट है कि कर्नाटक भाजपा का एटीएम बन चुका है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विजयपुरा से भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने विजयेंद्र पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने पिता येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये दिए थे।
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