नई दिल्ली: देश में कच्चे तेल (Crude Oil) कीमतों पर केंद्र सरकार जल्द ही बड़ा फैसला ले सकती है. सरकार यूक्रेन और रूस की गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए है. इस बीच सरकार ने संसद में कच्चे तेल की खरीद और दामों को लेकर अहम जानकारी साझा की है. रूस (Russia) समेत अन्य देशों से कच्चा तेल खरीदने के सवाल पर कहा गया है कि सही समय पर देशहित में जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
रूस से तेल खरीदने को मंजूरी?
रूस से तेल की खरीद को लेकर सरकार ने कहा कि उनकी बातचीत सकारात्मक दिशा में है. फिलहाल सरकार 3.8 मिलियन बैरल तेल खरीदने की तैयारी कर रही है. वहीं सरकार ने ये भी कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों में रूस से आयात होने वाले तेल के इंस्योरेंस पर दुनिया में फिलहाल अनिश्चितता का माहौल है. ऐसे में रूस इस मोर्चे पर भी मदद का आश्वासन दे रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की आसमान छूती कीमतों के बीच भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया था कि रूस से कच्चे तेल की खरीद के बारे में चर्चा की जा रही है. इससे जुड़े कई मुद्दे अभी हैं, जैसे- कितना कच्चा तेल उपलब्ध है, कैसे भुगतान किया जायेगा और तेल की खेप लायी कैसे जायेगी. भारत कच्चा तेल का अधिकतर आयात खाड़ी देशों से करता है और रूस से वह तीन फीसदी से कम तेल की खरीद करता रहा है. अमेरिका भी इन दिनों ऊर्जा उत्पादों के महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में उभर रहा है.
प्रतिबंधों का प्रभाव नहीं
सरकार का कहना है कि वैश्विक प्रतिबंधों (Sanctions) का अभी तक भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि किसी भी देश ने क्रूड पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं लगाई है. इसलिए फिलहाल देश में तेल के दाम बढ़ने की उम्मीद नहीं है.
भारत में स्थिति रूस के दूतावास ने कहा है कि रूस के उप प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने रूस के ऊर्जा क्षेत्र में भारत के निवेश के बारे में हरदीप सिंह पुरी से गत सप्ताह चर्चा की है. भारतीय सरकार ने हालांकि नोवाक और पुरी के बीच हुई बातचीत पर चुप्पी साधी हुई है.
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