कैनबरा: भारतीय मूल के इस ब्रिटिश जोड़े की कहानी किसी क्राइम सीरियल से कम नहीं. इस जोड़े को ऑस्ट्रेलिया में आधा टन से ज्यादा कोकीन तस्करी का दोषी पाते हुए 33 साल जेल की सजा सुनाई गई है. इस कोकीन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 5.70 करोड़ पाउंड (करीब 600 करोड़ रुपये) बताई है.
पश्चिम लंदन के ईलिंग में रहने वाली 59 वर्षीय आरती धीर और 35 वर्षीय कवलजीत सिंह रायजादा को ड्रग्स तस्करी रैकेट का सरगना बताया गया है, जिनका जाल कई महाद्वीपों तक फैला हुआ है. ऑस्ट्रेलिया के साउथवार्क क्राउन कोर्ट में सुनवाई के बाद जूरी ने इन दोनों को कोकीन तस्करी के 12 मामलों और मनी लॉन्ड्रिंग के 18 मामलों में दोषी ठहराया.
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने पकड़ी 514 किलो कोकीन
मई 2021 में सिडनी पहुंचने पर ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल द्वारा कोकीन पकड़े जाने के बाद राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) के जांचकर्ताओं ने धीर और रायजादा की पहचान की थी. इस ड्रग्स को यूके से एक कमर्शियल प्लेन के जरिये भेजा गया था और इसमें छह टूलबॉक्स शामिल थे, जिन्हें खोलने पर 514 किलो कोकीन पाई गई. अधिकारियों को पता चला कि यह खेप धीर और रायजादा के पास थी, जिन्होंने ड्रग्स की तस्करी के एकमात्र उद्देश्य से विफ्लाई फ्रेट सर्विसेज नामक एक फ्रंट कंपनी की स्थापना की थी.
एनसीए ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि दोनों प्रतिवादी जून 2015 में कंपनी के गठन के बाद से अलग-अलग समय पर कंपनी के निदेशक रहे हैं. जब्त की गई ड्रग्स वाले धातु टूलबॉक्स के प्लास्टिक रैपिंग पर रायजादा की उंगलियों के निशान पाए गए, जबकि 2855 पाउंड मूल्य के टूलबॉक्स के ऑर्डर की रसीदें दंपति के घर से मिलीं. एनसीए ने दावा किया कि जून 2019 से ऑस्ट्रेलिया को 37 खेप भेजी गई हैं, इनमें से 22 नकली रन थीं और 15 में कोकीन थी. अपराध एजेंसी के अनुसार, हवाई अड्डे की माल ढुलाई प्रक्रियाओं के बारे में अपनी जानकारी का उपयोग दोनों ने आपराधिक गतिविधियों को कवर करने के लिए किया.
ड्रग्स तस्करी के पैसों से खरीदा सोना-चांदी और ढेरों संपत्ति
एनसीए के वरिष्ठ जांच अधिकारी पियर्स फिलिप्स ने कहा, ‘आरती धीर और कवलजीत सिंह रायजादा ने यूके से ऑस्ट्रेलिया तक लाखों पाउंड मूल्य की कोकीन की तस्करी के लिए हवाई माल ढुलाई उद्योग के अपने अंदरूनी ज्ञान का इस्तेमाल किया, जहां उन्हें पता था कि वे अपने राजस्व को अधिकतम कर सकते हैं.’
फिलिप्स ने कहा, ‘उन्होंने अपने धन को छिपाने के प्रयास में अपने अवैध मुनाफे को नकदी के रूप में अपने घर और भंडारण इकाइयों में रखा, साथ ही संपत्ति, सोना और चांदी भी खरीदी. इन प्रतिवादियों ने सोचा होगा कि वे नशीली दवाओं के व्यापार के कारण होने वाले दुख से दूर हो गए हैं, लेकिन उनका लालच इसे बढ़ावा दे रहा था.’
ड्रग्स के धंधे से खड़ा किया साम्राज्य
धीर और रायजादा को इससे पहले 21 जून, 2021 को हैनवेल में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था. उनके परिसर की तलाशी में 5000 पाउंड मूल्य की सोने की परत चढ़ी चांदी की छड़ें, घर के अंदर 13,000 पाउंड और एक सुरक्षा जमा बॉक्स में 60,000 पाउंड नकद मिले.
जांच के बाद, इस जोड़े को फरवरी, 2023 में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया और इस बार अधिकारियों को हनवेल में एक भंडारण इकाई बक्सों और सूटकेस में छिपी लगभग तीन मिलियन पाउंड नकदी मिली, जिसे रायजादा ने अपनी मां के नाम पर किराए पर लिया था.
पूछताछ में पाया गया कि उन्होंने ईलिंग में 800,000 पाउंड में एक फ्लैट और 62,000 पाउंड में एक लैंड रोवर भी खरीदा था, जबकि एचएमआरसी (हिज मैजेस्टीज़ रेवेन्यू एंड कस्टम्स) को केवल कुछ हजार पाउंड का मुनाफा घोषित किया था. जांच से पता चला कि दोनों प्रतिवादियों के पास बैंक खातों में नकदी थी जो उनकी घोषित आय से कहीं अधिक थी. उन्होंने 2019 से 22 अलग-अलग बैंक खातों में लगभग 740,000 पाउंड नकद जमा किए थे और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया था.
गोद लिए बेटे के कत्ल का भी आरोप
इस जोड़े पर गुजरात में अपने गोद लिए बेटे गोपाल सेजानी की हत्या का भी आरोप लगा था. इस मामले में भारत ने ब्रिटेन से उनके प्रत्यर्पण की भी मांग की थी. इस दंपति ने वर्ष 2015 में गुजरात आकर गोपाल को गोद लिया था. उन्होंने तब 11 साल के गोपाल को इंग्लैंड में बेहतर जिंदगी देने का वादा किया था. हालांकि इसके 2 साल बाद ही 8 फरवरी, 2017 को गोपाल का अपहरण कर लिया गया. इसके बाद सड़क किनारे उसकी चाकू से गुदी लाश मिली थी. भारतीय पुलिस ने आरोप लगाया कि धीर और रायजादा का गोपाल के लिए घर उपलब्ध कराने के अलावा भी कुछ गलत मकसद थे.
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