भोपाल। केंद्रीय विदेश मामले तथा संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी (Minister of State for Culture Meenakshi Lekhi) ने कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ (‘Azadi’s Nectar Festival) के अमृत काल में भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने का स्वर्णिम अवसर है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए युवाओं को भारत के स्वर्णिम इतिहास से परिचय करवाया जाना आवश्यक है।
उन्होंने भारतीय संस्कृति में महिलाओं के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्व में महिलाओं को समानता का अधिकार देने की बात होती है, लेकिन भारतीय संस्कृति में अनादि काल से ही महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही हैं। महिलाओं ने विदुषी, क्रांतिकारी, शासिका, लेखिका आदि अनेक रूपों में भारत के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
भावी पीढ़ी को भारत के गौरवशाली इतिहास से परिचय कराना आवश्यकः उषा ठाकुर
मप्र की संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि कालजयी विश्व विजयी भारतीय संस्कृति के गौरवशाली इतिहास से भावी पीढ़ी का परिचय कराया जाना आवश्यक है। इतिहास और संस्कृति के संचार से ही भावी पीढ़ी में सद्गुणों और संस्कारों का विकास होगा। उन्होंने सभी से वैदिक जीवन पद्धति को अपनाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि हिंदू जीवन पद्धति विश्व की श्रेष्ठ पद्धति है। यह वैज्ञानिक कसौटी पर खरा उतरती है। अपने घरों में प्रतिदिन सुबह और शाम अग्निहोत्र की आहुतियां दें और दुर्गा सप्तशती के स्रोतों का पाठ करें। इसे जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं। साथ ही ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पर घर की बैठकों में वीर क्रांतिकारियों और महापुरुषों के चित्र लगाएं। यह चित्र परिवार के सदस्यों में चरित्र का निर्माण करेंगे और प्रेरणा देंगे।
केन्द्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के साथ संचालनालय पुरातत्व और राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए स्टॉल्स का अवलोकन किया। उन्होंने संचालनालय पुरातत्व के स्टॉल पर प्रसिद्ध कलाकृतियों की प्लास्टर ऑफ पेरिस से निर्मित प्रतिकृति को सराहा और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्टॉल पर प्रदेश के क्रांतिकारियों और महापुरुषों पर केंद्रित पुस्तकों का अवलोकन किया। साथ ही राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा किए जा रहे जागरूकता कार्यों के बारे में भी जानकारी लेकर उन्हें प्रोत्साहित किया।
भारत का समग्र इतिहास पढ़े युवाः जे. नन्द कुमार
कार्यक्रम में प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नन्द कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में पहली बार भारत का सही चित्रण विश्व पटल पर हुआ है। देश और मध्यप्रदेश अब ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए विश्व में पहचाना जाएगा। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पर उन्होंने सभी युवाओं से भारत का समग्र स्वर्णिम इतिहास पढ़ने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास लिखते समय कुछ विशेष लोगों पर ही ध्यान दिया गया और अन्य महत्वपूर्ण योगदानों को इतिहास का हिस्सा नहीं बनाया गया। इसलिए इतिहास को पढ़ते समय सभी के योगदान को पढ़ा जाना आवश्यक है। उन्होंने प्रसिद्ध इतिहासकार आरसी मजूमदार की हिस्टोरिकल स्पीच का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत का इतिहास सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम तक सीमित नहीं है। यह आदिकाल से भारतीय संस्कृति की यात्रा है। भारत का इतिहास ऐतिहासिक इमारतों के साथ संस्कृति, परंपराएं, संस्कार और जीवन मूल्यों को संजोए हुए है।
संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने परिसंवाद के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि परिसंवाद, आम नागरिक को धरोहरों से जोड़ने, संरक्षण के लिए जागरूक करने और पुरातत्वविदों का मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए किया गया है। धरोहर सिर्फ मॉन्यूमेंट बनकर न रहे, बल्कि बोलती हुई इमारतें बने, जो भावी पीढ़ी को जागरूक करें और उनका मार्गदर्शन करें। प्रमुख सचिव शुक्ला ने प्रदेश में धरोहरों के संरक्षण और उन पर केंद्रित विकास कार्यों पर भी प्रकाश डाला।
परिसंवाद, संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय और स्वराज संस्थान द्वारा सुरेश मिश्र फाउंडेशन के सहयोग से किया गया। लेखक विजय मनोहर तिवारी द्वारा लिखित पुस्तक “जागता हुआ कस्बा” का विमोचन किया गया। साथ ही गिफ्लिफ संस्था के सहयोग से हेरिटेज वॉक का शुभारंभ और सुरेश मिश्र फाउंडेशन के कार्यों पर केंद्रित लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। परिसंवाद में पद्मश्री द्वय केके मुहम्मद और कपिल तिवारी, प्रियंका मिश्र और विजय मनोहर तिवारी ने धरोहरों के महत्व और उनके संरक्षण पर केंद्रित विचार रखें।
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