West Sussex । Paa फिल्म (film) तो हर किसी ने देखि है और उसमे जिस बीमारी (disease) का जिक्र है उसे हम सब उस फिल्म (film) के जरिए ही जानते है। लेकिन अगर आपके सामने कोई Hutchinson-Gilford Progeria सिंड्रोम ( Hutchinson-Gilford Progeria syndrome) नाम की बीमारी (disease) का जिक्र करे तो आप सोच में पड़ जाएंगे। इसी बीमारी (disease) से जूझ रही थी यूके (UK) के वेस्ट सुसेक्स (west sussex) में रहने वाली 18 साल की अशांति स्मिथ (Ashanti Smith) । सब उन्हे प्यार से फिबी (phibi) बुलाते थे। वह जन्म (birth) के कुछ सालो बाद से ही चर्चा में आगयी थी। कारण था- Hutchinson-Gilford Progeria सिंड्रोम ( Hutchinson-Gilford Progeria syndrome) नाम की यह बीमारी (disease)। उन्हें बढ़ता देख उनके माता-पिता घबरा गए थे क्योकि इस सिंड्रोम (syndrome) के कारण फिबी की उम्र एक साल में करीब 8 साल तक बढ़ जाती थी। इस बीमार (disease) के कारण वह अपनी उम्र के हिसाब से काफी बड़ी लगने लगी थी। महज़ 18 साल की उम्र में वह 144 साल की बुढ़िया जैसी नजर आने लागि थी। इस सिंड्रोम (syndrome) के चलते स्मिथ की मौत 18 साल की उम्र में 17 जुलाई को हो गई। अपनी मौत के बाद वह अपनी मां, पिता और 25 साल की बहन को छोड़ गई। फिबी (phibi) के बारे में बात करते हुए उसकी मां ने बताया कि मौत से पहले फिबी (phibi) ने अपने घरवालों से बात करते हुए कहा था कि अब उसके जाने का समय आ गया है। अब बेटी की मौत के बाद उनकी मां लुइस स्मिथ (louis smith) इस सिंड्रोम (syndrome) से ग्रस्त दूसरे बच्चों की मदद करना चाहती हैं।
ज़िंदा दिल थी फिबी
लुइस (phibi) ने बताया कि फिबी अपनी बीमारी (disease) के बारे में अच्छे से जानती थी। उसे यह भी पता था कि वो ज्यादा समय जी नहीं पाएगी। इस वजह से वो खुश रहने की कोशिश करती थी। हमेशा लोगों को हँसाना और अपनी पॉजिटिव बातों से सबका दिल जीत लेना फिबी की खासियत थी।
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