नई दिल्ली (New Delhi) । ये साल अडानी ग्रुप (Adani Group) के लिए काफी हलचल वाला रहा है. इस साल की शुरुआत में हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अडानी ग्रुप पर कई आरोप लगाए गए थे. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप के शेयरों (adani shares) में काफी गिरावट देखने को मिली थी. इसके बाद अडानी ग्रुप के फाउंडर गौतम अडानी की दौलत में भी भारी गिरावट देखने को मिली थी. इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में उतार-चढ़ाव बना ही हुआ है. अब एक बार फिर से अडानी ग्रुप को लेकर अहम जानकारी सामने आई है, जिसमें अडानी ग्रुप से विदेशी कंपनी की ओर से अपनी हिस्सेदारी बेची जा रही है. आइए जानते हैं इसके बारे में…
अडानी ग्रुप
अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी ने कारोबारी गौतम अडानी ग्रुप की दो कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है. आईएचसी अडानी ग्रुप में निवेश करने वाले शुरुआती चर्चित निवेशकों में से है. नियामकीय सूचना में आईएचसी ने कहा कि उसने एक खरीदार के साथ अडानी ग्रीन एनर्जी लि. और अडानी ट्रांसमिशन लि. में अपना एफडीआई निवेश बेचने को लेकर पक्का समझौता किया है.
अडानी ग्रुप में किया था इतना निवेश
हालांकि, आईएचसी ने खरीदार के नाम का खुलासा नहीं किया है. आईएचसी ने अप्रैल, 2022 में अडानी ग्रीन एनर्जी और बिजली कंपनी अडानी ट्रांसमिशन में 50-50 करोड़ डॉलर और ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में एक अरब डॉलर का निवेश किया था. उस समय आईएचसी के मुख्य कार्यकारी सैयद बसर शुएब ने कहा कि वह अडानी की कंपनियों में भारत में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं.
पोर्टफोलियो को संतुलित करने की रणनीति
आईएचसी ने कहा है कि वह अडानी की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कुल पोर्टफोलियो को फिर संतुलित करने की रणनीति के तहत बेच रही है. हालांकि, उसने अडानी एंटरप्राइजेज में निवेश पर कुछ नहीं कहा है.
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