डेस्क: फेसबुक का सबसे विवादास्पद फीचर फेस रिकग्निशन सिस्टम अब बंद होने जा कर रहा है. अब फेसबुक यूज़र्स की तस्वीरों और वीडियो का अपने आप पता नहीं लगा पाएगा. फेसबुक कंपनी ने इस बात की घोषणा की है कि वह यूज़र्स की आइडेंटिटी के लिए उपयोग किए जाने वाले टेम्पलेट फेशियल रिकग्निशन को पूरी तरह से अपने प्लैटफॉर्म से हटा देगा. आपको बता दे कि फेसबुक का ये फीचर 10 साल पुराना था.
ज्ञात हो सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने मूल नाम को मेटा में बदला था जिसके बाद कंपनी का यह पहला बड़ा कदम है. फेस रिकग्निशन सिस्टम से उन लोगों की पहचान की जाती है जो यूजर्स द्वारा डाली गई तस्वीरों और वीडियो में होते हैं. फेसबुक द्वारा ये संकेत दिखाया गया जिसमें यूज़र्स अपने फेसबुक फ्रेंड्स द्वारा अपलोड की गई तस्वीर में खुद को टैग करने के लिए कहा गया. इस सुविधा के कई प्रतिकूल प्रभाव भी हैं जिसे यूजर्स नहीं देख सकते हैं.
इस वजह से बंद हो रहा है फीचर:
जब से फीचर लॉन्च किया गया था उसके बाद से ही इसे आलोचनाओ का सामना करना पड़ रहा था. बहुत लोगों की यह शिकायत थी कि इस फीचर से यूज़र्स को प्राइवेसी संबंधित कई प्रतिकूल प्रभावो का सामना करना पड़ रहा है. जेरोम पेसेंटी जो कि मेटा के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपाध्यक्ष है, उनका कहना है कि, ‘प्रत्येक तकनीक के अपने फायदे और नुक्सान होते है और हम चाहते हैं कि इस संबंध में एक सही संतुलन मिलें.
फेशियल रिकॉग्नाइजेशन फीचर के संबंध में, जरूरत है समाज पर पड़ रहे इसके प्रभावों पर बहस करने की. हम हर उस बातचीत में शामिल होंगे और इस चर्चा का नेत्रत्व कारण वाले नागरिक समाज समूहों और नियामकों के साथ काम करना जारी रखेंगे.’
क्या होगा फेशियल रिकग्निशन सिस्टम को बंद करने का प्रभाव?
फेसबुक का मानना है कि फेशियल रिकग्निशन सिस्टम बहुत महत्वपूर्ण टूल है लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों की चिंता भी जायज है. इस सेवा को आने वाले हफ्तों में हटा दिया जाएगा, सेटिंग यूजर्स को सिस्टम में ऑप्ट इन करने की अनुमति देगी.
आगामी दिनों में, अगर फोटो या वीडियो में दिखाई डेने वाले लोगों को फेसबुक अब खुद से पहचान नहीं पाएगा. फेसबुक अब उपयोगकर्ताओं को अपने दोस्तों, परिचितों को टैग करने के लिए प्रोत्साहित करता है. मैन्युअल रूप से टैग पोस्ट करें. अब फेसबुक यूजर्स को अपने दोस्तों को टैग पोस्ट को मैन्युअल रूप से टैग करने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
फेस डिटेक्शन बंद होने से लगभग एक अरब लोगों के पर्सनल फेशियल
रिकग्निशन टेम्प्लेट भी रिमूव किए जाएंगे. इस फीचर के बंद होने के बाद Automatic Alt Text (AAT) पर काफी असर पड़ेगा. अब AAT तकनीक इस बात का पता नहीं लगा पाएगी कि कौन-कौन यूजर्स फेशियल रिकॉग्नाइजेशन का यूज कर रहे हैं.
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