नई दिल्ली: Google ने एंड्रॉयड में अपने मैसेजिंग ऐप में ग्रुप चैट्स के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2EE) को इंप्लिमेंट करने के लिए टेस्टिंग शुरू कर दिया है. मैसेज ओपन बीटा प्रोग्राम के लिए एनरोल हुए बीटा यूजर्स को नए E2EE पावर्ड RCS ग्रुप चैट्स का एक्सेस मिलेगा. आपको बता दें कि RCS का मतलब रिच कम्यूनिकेशन सर्विसेज होता है. ये एक प्रोटोकॉल है, जिसका इस्तेमाल टेलीकॉम इंडस्ट्री द्वरा एंड्रॉयड फोन्स में SMS/MMS मैसेजिंग को इंप्रूव करने के लिए किया जाता है.
RCS के जरिए यूज़र्स हाई रेजोलूशन मीडिया शेयर कर सकते हैं. साथ ही इसमें WhatsApp की तरह रीड रिसिपिएंट्स फीचर भी मिलता है. इस साल मई में I/O 2022 के दौरान गूगल ने ये घोषणा की थी कि कंपनी साल के अंत तक बीटा में E2EE बेस्ड RCS ग्रुप चैट्स पेश करेगी. फिलहाल इसके रोलआउट के लिए कोई ऑफिशियल डेट नहीं बताई गई है. लेकिन, यूजर्स के साथ ये बीटा टेस्टिंग के रेडी है, ऐसे में ये फीचर जल्द सभी के लिए दस्तक दे सकता है.
Apple ने नहीं अपनाया RCS
पर्सन-टू-पर्सन कन्वर्सेशन के लिए E2EE पहले से ही एंड्रॉयड मैसेज ऐप में सभी के लिए उपलब्ध है. एक तरफ जहां टेलीकॉम इंडस्ट्री पहले से RCS SMS कम्युनिकेशन में शामिल है, तो वहीं Apple ने इसे अभी भी नहीं अपनाया है.
गूगल सार्वजनिक रूप से Apple को RCS पावर्ड SMS को इग्नोर करने को लेकर कह चुका है, लेकिन कंपनी इसके बावजूद iPhone में अपने iMessage सिस्टम के साथ खड़ी है. एक ब्लॉग पोस्ट में गूगल ने बीटा की घोषणा की है और स्टैंडर्ड को इग्नोर करने को लेकर Apple की आलोचना भी की है.
Messages by Google की ग्रुप प्रोडक्ट मैनेजर नीना बुद्धिराजा ने ब्लॉग में लिखा है कि आज सभी मोबाइल कैरियर्स और मैन्युफैक्चरर्स ने स्टैंडर्ड तौर पर RCS को एडॉप्ट कर लिया है- केवल Apple को छोड़कर. उन्होंने आगे लिखा है कि इसके बावजूद Apple ने RCS को अपनाने से मना कर दिया है. इनका टेक्स्टिंग सिस्टम अभी भी 1990s में अटका हुआ है.
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