कीटो डाइट बीते कुछ समय से बहुत ज्यादा ट्रेंड में है। वजन कम करने या स्लिम फिट रहने वालों के बीच कीटो डाइट बहुत फेमस है। दरअसल अत्यधिक लो-कार्बोहाइड्रेट डाइट(low-carbohydrate diet) होने की वजह से कीटो डाइट तेजी से इंसान का वजन घटाती है। हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स (Experts) ने कीटो डाइट से होने वाले नुकसान को देखते हुए लोगों को आगाह किया है।
कई हेल्थ एक्सपर्ट ऐसा मानते हैं कि कीटो डाइट खतरनाक और लॉन्ग टर्म्स डिसीज (long term disease) का कारण भी बन सकती है। इसे लेकर हाल ही में ‘फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन’ और ‘सेवेन मेडिसिन’ में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। इसके अलावा अमेरिका और कनाडा के संस्थानों में भी करीब 123 पुरानी स्टडीज का विश्लेषण हुआ था। शोधकर्ताओं ने पाया कि कोटीजेनिक डाइट न सिर्फ कार्बोहाइड्रेट की खपत को सीमित करती है, बल्कि इससे मैटाबॉलिज्म (Metabolism) की कार्यशैली भी प्रभावित होती है।
विश्लेषण के आधार पर शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि कीटोजेनिक डाइट (ketogenic diet) के नुकसान उसके फायदों से बहुत ज्यादा हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कीटो डाइट में मौजूद मांस, चीज़, ऑयल समेत कुछ मुख्य कॉम्पोनेंट के कारण शरीर को खास किस्म के पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। यही कारण है कि कीटो डाइट पर रहने वाले लोगों में कुछ बीमारियों का जोखिम ज्यादा हो जाता है।
जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी (George Washington University) के स्कूल ऑफ मेडिसिल के प्रोफेसर नील बरनार्ड कहते हैं, ‘कीटो डाइट में मौजूद फूड प्रोडक्ट्स बड़ी आंत के कैंसर, हार्ट डिसीज और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।’ स्टडी में यह भी दावा किया गया है कि कीटोजेनिक डाइट किडनी से जुड़ी दिक्कत या डायबिटीज जैसी बीमारी को भी ट्रिगर कर सकती है।
कीटो डाइट में किन चीजों से परहेज?
कीटो डाइट पर रहने वालों को ज्यादा कार्ब्स वाली चीजों से परहेज करना पड़ता है। इसमें शुगर फूड, साबुत अनाज, फल, राजमा, दाल, आलू, शकरकंद, गाजर और शहद जैसी कई चीजों से दूरी बनानी पड़ती है।
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