नई दिल्ली: दुनिया को दहशत में डालने वाले कोरोना के ओमिक्रॉन (Omicrone) वेरिएंट को लेकर ब्रिटिश साइंटिस्ट ने बहुत बड़ा दावा किया है. दरअसल उन्होंने कहा है कि उनकी दवाई सोट्रोविमैब (Sotrovimab) ओमिक्रॉन के हर म्यूटेशन के खिलाफ असरदार और कारगर साबित हुई है.
ज्वाइंट वेंचर से बनी दवा
ब्रिटेन के इस वैज्ञानिक ने बताया कि उन्होंने इस खास दवा को ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GSK) ने यूएस पार्टनर वीर (VIR) बायोटेक्नोलॉजी के साथ मिलकर विकसित किया गया है. अब इसी मेडिसिन को ओमिक्रॉन वेरिेएंट के खिलाफ असरदार माना जा रहा है.
दुनिया के लिए राहत की खबर
कोविड-19 एंटीबॉडी-बेस्ड इस थेरेपी को विकसित करने वाली कंपनी जीएसके ने बताया कि सोट्रोविमैब के प्रीक्लिनिकल डेटा को दुनियाभर के लिए चिंता का कारण बने कोरोना के ओमिक्रॉन सहित कई अन्य वैरिएंट्स के खिलाफ काफी असरदार पाया गया है. इसके परिणामों की पुष्टि करने के लिए सोट्रोविमैब थेरेपी को लेकर आगे के परीक्षण किए जा रहे हैं, फिलहाल शुरुआती तौर पर इसे दुनियाभर के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है.
ओमीक्रॉन पर असरदार
कंपनी ने दावा कर दिया है कि ओमिक्रॉन के जो 37 म्यूटेशन हैं, उसके खिलाफ उनकी दवाई सोट्रोविमैब ने प्रभावी काम किया है. पिछले हफ्ते भी प्री क्लिनिकल टेस्ट के बाद कहा गया था कि सोट्रोविमैब दवाई ओमिक्रॉन के खिलाफ काम करती है. वहीं कंपनी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि ये दवाई हर उस वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी काम करती है जिनका जिक्र WHO ने भी किया है.
मृत्युदर को किया जा सकेगा कम
Reuters में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की ओर से जारी बयान में बताया गया है, सोट्रोविमैब के माध्यम से कोरोना से संक्रमित मध्यम से लेकर उच्च स्तर के संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु के जोखिम को 80 फीसदी तक कम किया जा सकता है. अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि सार्स-सीओवी-2 के ओमिक्रॉन सहित तमाम वैरिएंट्स के खिलाफ इस एंटीबॉडी ड्रग को असरदार पाया गया है। फिलहाल इस अध्ययन की समीक्षा होना बाकी है, यह प्रीप्रिंट अध्ययन की रिपोर्ट है.
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