नई दिल्ली। मास्टर ब्लास्टर ने जब से क्रिकेट खेलना शुरू किया था, उनका एक ही सपना था टीम इंडिया के लिए खेलते हुए वर्ल्ड कप जीतना। सचिन ने अपने करियर का आखिरी वर्ल्ड कप 2011 में खेला था, जो भारत में ही हुआ था। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया था, जिसके साथ ही सचिन का सालों पुराना सपना भी पूरा हो गया था।
On this day a decade ago, one of the best moment of our lives:
2nd April 2011 with ‘Dhoni finishes off in style’
🇮🇳 crowned as World Champions, my most favourite cricket memory which I would love to relive pic.twitter.com/23ACfWCLdB— Shrutika Gaekwad (@Shrutika_45_) April 1, 2021
कप्तान धोनी ने फाइनल मैच में नॉटआउट 91 रन बनाए थे और छक्के के साथ टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। धोनी के उस छक्के की गूंज 10 साल बाद भी कायम है। आज भी कोई भारतीय क्रिकेट फैन उस छक्के का वीडियो देखता है, तो उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं और आंख भर आती है। आज से ठीक 10 साल पहले, 2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में यह फाइनल मैच खेला गया था। 275 रनों के टारगेट के जवाब में टीम इंडिया ने 31 रनों तक वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के विकेट गंवा दिए थे। लसिथ मलिंगा कहर बरपा रहे थे।
#MSDhoni #WorldCup2011
Dhoni lifting the trophy and giving it to youngsters-Carrying Sachin on shoulder-Virat showing maturity even at that time-Yuvi struggling from cacer and still winning ManOfSeries.Those were times of struggle but yet golden days.
Sachinnnn…Sachhhinnnn🇮🇳🇮🇳 pic.twitter.com/ZnpX9d0lkR— Amogh (@AmoghMoholkar) April 1, 2021
#WorldCup2011 × Chak De India
“DHONI FINISHES OFF IN STYLE, INDIA LIFT THE WORLD CUP AFTER 28 YEARS” pic.twitter.com/xD3Ffo4ILl— Bhavyaa (@BhavyaDhoni) April 1, 2021
इसके बाद गौतम गंभीर ने विराट कोहली के साथ मिलकर भारतीय पारी को संभाला था। गंभीर ने उस मैच में यादगार 97 रनों की पारी खेली थी, जबकि विराट ने 35 रनों का योगदान दिया था। धोनी और युवराज सिंह नॉटआउट लौटे थे। धोनी ने 79 गेंदों पर आठ चौके और दो छक्कों की मदद से नॉटआउट 91 रन बनाए। मैच की बात करें तो श्रीलंका ने टॉस जीतकर टीम इंडिया के खिलाफ पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था। महेला जयवर्धने की सेंचुरी और कुमार संगकारा की 48 रनों की पारी के दम पर श्रीलंका ने 50 ओवर में छह विकेट पर 274 रन बनाए। जवाब में टीम इंडिया ने 48.2 ओवर में ही चार विकेट खोकर 277 रन बनाकर यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।
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