नई दिल्ली। वर्ष की सभी अमावस्याओं में कार्तिक अमावस्या श्रेष्ठतम मानी गई है क्योंकि इस दिन महालक्ष्मी की पूजा-आराधना करके अपने इष्ट कार्य को तो सिद्ध किया ही जा सकता है, शक्ति आराधना के लिए भी यह अमावस्या सर्वोपरि मानी गई है। इस दिन भगवान राम असुरों का संहार करके अयोध्या लौटे थे,जिनका दीपोत्सव करके स्वागत किया गया था। दिवाली का दिन लक्ष्मी के स्वागत का दिन है,हम चारों ओर प्रकाश फैलाकर सकारात्मकता के साथ महालक्ष्मी से समृद्धि और सम्पन्नता मांगते हैं। इसमें अंधेरे को दूर कर प्रकाश किया जाता है,इसी तरह हमें अपने अन्दर के विकारों के अन्धकार को मिटाकर अनुशासन,प्रेम,सत्य और सदाचार रूपी प्रकाश से स्वयं को प्रकाशित करना चाहिए।
दिवाली शुभ मुहूर्त
इस साल अमावस्या तिथि 24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन ही है लेकिन 25 अक्टूबर को अमावस्या प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो जाएगी इसलिए दीपावली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर अमावस्या शुरू होगी जो मंगलवार शाम को 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। 24 अक्टूबर को दिवाली का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक है।
दिवाली लक्ष्मी-गणेश पूजा शुभ मुहूर्त- 24 अक्तूबर
लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त – शाम 06:54 से 08:16 मिनट तक
लक्ष्मी पूजन की अवधि- 1 घंटा 21 मिनट
प्रदोष काल – शाम 05:42 से रात 08:16 मिनट तक
वृषभ काल – शाम 06: 54 से रात 08: 50 मिनट तक
दिवाली लक्ष्मी पूजा महानिशीथ काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त – रात 11: 40 से 12: 31 मिनट तक
अवधि – 50 मिनट तक
दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त 2022
सायंकाल मुहूर्त्त (अमृत,चर) : 17:29 से 19:18 मिनट तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ) : 22:29 से 24:05 मिनट तक
रात्रि मुहूर्त्त (शुभ,अमृत,चर ) : 25:41 से 30:27 मिनट तक
नरक चतुर्दशी का मुहूर्त- 24 अक्तूबर
अभ्यंग स्नान समय: 05:04 से 06:27 मिनट तक
अवधि :1 घंटे 22 मिनट
दिवाली लक्ष्मी-गणेश पूजाविधि
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