img-fluid

महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक और जानलेवा है ये बीमारी, आप भी जरूर जान लें लक्षण व कारण

August 22, 2024

टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम(toxic shock syndrome) एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के लिए बहुत खतरनाक है। ये स्टैफिलोकोकस ऑरियस या स्टैफ नाम के बैक्टीरिया के बहुत ज्यादा बढ़ जाने की वजह से होता है। ये बैक्टीरिया महिलाओं के शरीर में ही पाया जाता है। टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम आमतौर पर पीरियड्स के समय महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है, खासतौर से उन महिलाओं को जो टैम्पोन को इस्तेमाल करतीं हैं।

टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम में ब्लड प्रेशर (blood pressure) तेजी से कम होने लगता है। इसकी वजह से शरीर में सही तरीके से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है जिससे मौत भी हो सकती है। अमेरिका की 24 साल की एक मॉडल लॉरेन वासेर को 2012 में ये बीमारी हुई थी। लॉरेन के शरीर में विषाक्त पदार्थ इतना ज्यादा हो गया था कि वो अपना पैर भी नहीं उठा पा रही थीं। आखिरकार उन्हें अपनी एक टांग कटवानी पड़ी थी।

टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम को मेन्स्ट्रुअल स्पॉन्ज, डायाफ्राम और सर्वाइकल कैप से भी जोड़ा गया है। बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद भी महिलाओं में टॉक्सिक शॉक होने की संभावना बढ़ जाती है। ये उन पुरुषों और महिलाओं को हो सकता है जो सर्जरी, जलने, खुले घाव या नकली उपकरण के उपयोग के दौरान स्टैफ बैक्टीरिया के संपर्क में आए हों।

टॉक्सिक शॉक के एक तिहाई से अधिक मामले 19 साल से कम उम्र की महिलाओं में पाए जाते हैं। वहीं 30% महिलाओं में ये बीमारी दोबारा हो जाती है। इस बीमारी की वजह से दिल और फेफड़े भी काम करना बंद कर देते हैं। टॉक्सिक शॉक से जुड़े लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और इसके इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

टॉक्सिक शॉक के लक्षण-
अचानक तेज बुखार आना, ब्लड प्रेशर कम हो जाना, डायरिया, हथेली और तलवे पर रैशेज होना, भ्रम की स्थिति, मांसपेशियों (Muscles) में दर्द, लाल मुंह-आंखें, दौरे पड़ना और सिर दर्द इसके आम लक्षण हैं। अगर आप पीरियड्स के समय टैम्पोन का इस्तेमाल करती हैं और इस दौरान आपको तेज बुखार या फिर उल्टी महसूस होती है तो आपको तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए।

टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के कारण-
स्टैफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया (Staphylococcus aureus bacteria) शरीर में एक तरह का जहर बनाता है जिसकी वजह टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम होता है। ये बैक्टीरिया कई स्टैफ बैक्टीरिया में से एक है जो जले हुए मरीजों या फिर उन लोगों में स्किन इंफेक्शन पैदा करता है जिनकी सर्जरी हुई हो।



स्टैफ एक ऐसा बैक्टीरिया है जो महिलाओं (women) की वजाइना में मौजूद होता है लेकिन आमतौर पर कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। टैम्पोन की वजह से इस बैक्टीरिया को शरीर में फैलने का मौका मिल जाता है। इसके बाद ये बैक्टीरिया जहर बनाना शुरू कर देता है जो धीरे-धीरे खून में मिल जाता है।

आप किस चीज से बने टैम्पोन का इस्तेमाल करती हैं, ये भी काफी हद तक मायने रखता है। सूती या रेयान फाइबर की तुलना में पॉलिएस्टर फोम से बने टैम्पोन बैक्टीरिया को बढ़ने का वातावरण देते हैं। वजाइना में बहुत देर तक मेन्स्ट्रुअल स्पॉन्ज रखने से भी स्टैफ बैक्टीरिया पैदा होते हैं।

कैसे पता लगाएं-
डॉक्टर कई तरीके से टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का पता लगाते हैं। डॉक्टर्स इसके लिए ब्लड या यूरीन सैंपल की जांच करते हैं, वजाइना, सर्विक्स या गले का स्वैब लेते हैं। शरीर के दूसरे अंगों पर इस बैक्टीरिया का कितना असर पड़ा है ये जानने के लिए सीटी स्कैन या चेस्ट एक्स-रे भी करा सकते हैं।

टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का इलाज– आमतौर टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का इलाज एंटीबायोटिक (antibiotic) दवाओं से किया जा सकता है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने की दवाएं और शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाने के लिए तरल पदार्थ भी दिए जा सकते हैं। इसका इलाज बहुत हद तक इस पर निर्भर करता है कि शरीर में ये सिंड्रोम अपने किस स्टेज पर है। इसलिए टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के शुरूआती लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत है।

Share:

बाल झड़ने लगे तो इन चीजों को खाने से बचे, मिलेगी राहत

Thu Aug 22 , 2024
बालों का झड़ना(hair fall) एक बड़ी समस्या है। क्योंकि कोई भी इंसान गंजा नहीं होना चाहता। खासतौर पर महिलाएं तो इसकी कल्पना से भी सिहर उठती हैं। इसलिए झड़ते बालों को रोकने के लिए आपको कुछ बातों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए। इनसे बढ़ सकता है बालों का झड़ना दूध (Milk) और नमक(Solt) दोनों ही […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
रविवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved