नई दिल्ली। सावन माह का हर दिन खास माना जाता है. इस पावन महीने में कई बड़े व्रत-त्योहार आते हैं जिनका अपना विशेष महत्व (special importance) है. भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए सावन सोमवार पर शिवलिंग की पूजा की जाती है. वहीं उसके अगले दिन मंगला गौरी व्रत(Mangala Gauri Vrat) रखा जाता है. सावन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) कहा जाता है. सावन की संकष्टी चतुर्थी 17 जुलाई 2022 (Sawan Sankashti chaturthi 2022 Date) रविवार को पड़ रही है इसलिए इसे रविवती संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है. संकष्टी चतुर्थी पर गणपति बप्पा (ganpati bappa) की पूजा और व्रत करने से भगवान गणेश व्यक्ति के सारे विघ्न हर लेते हैं. इस दिन कई उपाय करने से समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी के उपाय
सावन रविवती संकष्टी चतुर्थी 2022 तिथि (Sawan Ravivati Sankashti chaturthi 2022 Time)
सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ – 16 जुलाई 2022 शनिवार, दोपहर 1.27 मिनट से
सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त – 17 जुलाई 2022 रविवार, सुबह 10.49 मिनट तक
उदया तिथि के आधार पर संकष्टी चतुर्थी का व्रत 17 जुलाई 2022 को रखा जाएगा.
सावन संकष्टी चतुर्थी 2022 उपाय (Sawan sankashti chaturthi 2022 Upay)
सावन की रविवती संकष्टी चतुर्थी (sankashti chaturthi ) के दिन उन जातकों को जरूर व्रत करना चाहिए जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में हो. इससे सूर्य के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है साथ ही शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है.
रविवती संकष्टी चतुर्थी पर कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए तांबे के लोटे में जल भरकर लाल चंदन, लाल फूल और चावल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें.
घर की सुख-शांति भंग न हो इसके लिए इस दिन भगवान श्रीगणेश का अभिषेक शुद्ध जल से करें और उस जल को पूरे घर में छिटक दें.
व्यापार में तरक्की के लिए रविवती संकष्टी चतुर्थी पर दूर्वा की 11 गांठ भगवान गणेश को अर्पित करें. ऐसा करने पर कर्ज की समस्या से भी निजात मिलती है.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए है हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं. इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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