• img-fluid

    इस दिन है आश्विन मास की अमावस्या, करें यें उपाय, पितरों को मिलेगा मोक्ष

  • September 19, 2022

    नई दिल्‍ली। हिंदू धर्म में पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने का विधान है. इससे पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस कार्य के लिए हिंदू धर्म ग्रन्थों में पितृ पक्ष (Pitra Paksha) को सबसे उत्तम दिन बताया गया है.

    कब है महालया अमावस्या
    हिंदू पंचांग(Hindu calendar) के अनुसार पितृपक्ष हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आश्विन मास की अमावस्या तिथि तक होता है. इन 15-16 दिनों में परिजन अपने पितरों के नाम पर उनकी मृत्यु तिथि पर श्राद्ध कर्म करते हैं. पितृ पक्ष के अंतिम दिन आश्विन अमावस्या (Ashwin Amavasya) होती है. इस अमावस्या को महालया अमावस्या कहते है. इसे सर्व पितृ अमावस्या भी कहा जाता है. इस साल महालया अमावस्या (Mahalaya Amavasya) 25 सितंबर को है.



    धार्मिक महत्व
    हिंदू धर्म ग्रंथों में पितृ पक्ष के आखिरी दिन को आश्विन अमावस्या कहा जाता हैं. इसे महालया अमावस्या और सर्व पितृ अमावस्या भी कहते हैं. महालया अमावस्या पर लोग पवित्र नदी में स्नान करके अपने पूर्वजों का तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर उनकी विदाई करते हैं. वे लोग जो अपने पितरों की मृत्यु तिथि भूल गए हों. वे इस दिन अपने पितरों के नाम पर श्राद्ध कर्म कर सकते हैं. मान्यता है कि महालया अमावस्या पर श्राद्ध करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होती है और जन्म मरण के बंधन से मुक्त हो जाते हैं.

    महालया अमावस्या 2022: शुभ मुहूर्त
    ब्रह्म मुहूर्त : 25 सितंबर को प्रातः 4:35 से शुरू होकर 5:23 बजे तक
    अभिजीत मुहूर्त : 25 सितंबर को प्रातः सुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक
    गोधुली मुहूर्त: 25 सितंबर को सायं 06:02 बजे से सायं 6:26 बजे तक
    विजय मुहूर्त : 25 सितंबर को दोपहर 2:13 बजे से 3:01 बजे तक

    आश्विन अमावस्या के उपाय
    आश्विन अमावस्या के दिन गंगा या फिर किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान देकर सूर्य देवता को अर्घ्य और पितरों के लिए तर्पण करें.

    आश्विन मास की अमावस्या के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाएं.

    आश्विन मास की अमावस्या के दिन न भूले-बिसरे पितरों के लिए विशेष रूप से श्राद्ध करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.

    आश्विन मास की अमावस्या या फिर कहें सर्वपितृ अमावस्या के दिन ब्राह्मण को भोजन कराएं और उससे पहले गाय, कौए, और कुत्ते के लिए विशेष रूप से भोग निकालें.

    आश्विन मास की अमावस्या के दिन निर्धन लोगों को अन्न, वस्त्र, दवा आदि का दान करें.

    (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करते है.)

    Share:

    विदुर नीति: इन लोगों को भूलकर भी उधार न दें पैसे, वरना डूब जाएगा आपका धन

    Mon Sep 19 , 2022
    नई दिल्‍ली। भारत (India) में महात्मा विदुर (Mahatma Vidur) और चाणक्य दो ऐसे महान राजनीतिज्ञ हुए हैं. जिन्होंने देश, समाज , परिवार और धन से जुड़ी कई ऐसी बातें बताई, जो सैकड़ों साल आज भी उतनी ही प्रांसंगिक है. महात्मा विदुर महाभारत काल में हस्तिनापुर के महामंत्री थे. वे एक दूरदर्शी और बुद्धिमान(visionary and intelligent) […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    गुरुवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved