नई दिल्ली। पंचांग के आधार पर हर मास की त्रयोदशी तिथि (Trayodashi Tithi) को प्रदोष व्रत होता है। एक माह में दो प्रदोष व्रत होते हैं। इस समय पौष माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है और अंग्रेजी कैलेंडर का आखिरी माह दिसंबर भी। पौष प्रदोष व्रत इस साल का आखिरी प्रदोष व्रत (Last Pradosh Vrat 2021) होगा। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की विधि विधान से पूजा की जाती है। वैसे भी इस बार का प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन है, जो शुक्र प्रदोष व्रत है। इस व्रत के करने से व्यक्ति को सुख, सौभाग्य, आरोग्य, संतान की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
प्रदोष व्रत 2022 तिथि एवं मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, पौष माह(Paush month) के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 31 दिसंबर दिन शुक्रवार को सुबह 10 बजकर 39 मिनट पर हो है। इस तिथि का समापन 01 जनवरी 2022 को प्रात: 07 बजकर 17 मिनट पर होगा। प्रदोष पूजा के लिए मुहूर्त 31 दिसंबर को ही प्राप्त हो रहा है। ऐसे में प्रदोष व्रत 31 दिसंबर को रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत 2021 पूजा मुहूर्त
साल 2021 के अंतिम प्रदोष के लिए भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त 31 दिसंबर को शाम 05 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 19 मिनट तक है। इस मुहूर्त में आपको भगवान शिव की पूजा विधि विधान से कर लेनी चाहिए।
सर्वार्थ सिद्धि योग में प्रदोष व्रत
पौष माह का प्रदोष व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में रखा जाएगा। यह काफी अच्छा योग माना जाता है। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए सभी कार्य पूर्ण होते हैं। 31 दिसंबर को प्रदोष व्रत के दिन प्रात: 07 बजकर 14 मिनट से रात 10 बजकर 04 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग है।
शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व
शुक्र प्रदोष व्रत सभी भौतिक सुखों को देने वाला है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को धन, संपत्ति, सुख, साधन आदि प्राप्त होता है।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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