नई दिल्ली। साल 2021 की अंतिम संकष्टी चतुर्थी 22 दिसंबर दिन बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन सभी देवी-देवतों में प्रथम पूजनीय गणेश जी(Ganesh Ji) की पूजा की जाती है। ये चतुर्थी बुधवार के दिन पड़ रही है, जिसकी वजह से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि बुधवार(Wednesday) का दिन गणपति जी को समर्पित है, इसलिए जो भी जातक इस दिन सच्चे मन से गणेश जी की विधि विधान से पूजा करेगा, विघ्नहर्ता उसके सभी कष्ट हर लेंगे। आइए बताते हैं संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) की पूजा विधि (worship method) और शुभ मुहूर्त के बारे में…
संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त (Sankashti Chaturthi Puja Muhurat)
चतुर्थी तिथि- 22 दिसंबर 2021, बुधवार
पूजा मुहूर्त- रात्रि 08 बजकर 15 मिनट से, रात्रि 09 बजकर 15 मिनट तक (अमृत काल)
चंद्र दर्शन मुहूर्त- रात्रि 08 बजकर 30 मिनट से, रात्रि 09 बजकर 30 मिनट तक
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि (Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)
1- इस दिन आप प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठ जाएं।
2- स्नान कर साफ़ और धुले हुए कपड़े पहनें। इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है।
3- गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए।
4- गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें।
5- पूजा में तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी, धूप, चन्दन , प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रखें।
6- पूजा के समय मां दुर्गा की मूर्ति अपने पास जरूर रखें। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है।
7- गणेश जी को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें।
8- संकष्टी को भगवान गणेश को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं।
9- शाम के समय चांद के निकलने से पहले गणेश जी की पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा पढ़ें।
10- पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बाटें। रात को चांद देखने के बाद व्रत खोलें।
इस मंत्र का करें जाप
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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