हिंदु धर्म में धार्मिक त्यौहारों का विशेष महत्व है हर एक धार्मिक त्यौहार बड़े ही भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है । चैत्र मास की एकादशी (Ekadashi) का हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाता है। इसे पापमोचिनी एकादशी (Papamochini Ekadashi) कहते हैं। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है, ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु (Lord vishnu) की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि पापमोचिनी एकादशी व्रत के प्रभाव से भक्त के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस साल अप्रैल माह में पापमोचिनी एकादशी (Papamochini Ekadashi) 07 अप्रैल दिन बुधवार को पड़ रही है है।
शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि शुरू : 07 अप्रैल दिन बुधवार
व्रत पारण का समय : 08 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 04 बजकर 11 मिनट तक.
हरि वासर का समय : 08 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 40 मिनट पर.
जानें पूजा विधि-
एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करके एकादशी व्रत का संकल्प लें। उसके बाद घर के मंदिर (temple) में पूजा (Worship) करने से पहले एक वेदी बनाकर उस पर 7 धान (उड़द, मूंग, गेहूं, चना, जौ, चावल और बाजरा) रखें। वेदी के ऊपर एक कलश की स्थापना करें और उसमें आम या अशोक के 5 पत्ते लगाएं। अब वेदी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखें। इसके बाद भगवान विष्णु (Lord vishnu) को पीले फूल, ऋतुफल और तुलसी दल समर्पित करें। फिर धूप-दीप से विष्णु की आरती उतारें। शाम के समय भगवान विष्णु की आरती उतारने के बाद फलाहार ग्रहण करें। रात्रि के समय सोए नहीं बल्कि भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें। अगले दिन सुबह किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और यथा-शक्ति दान-दक्षिणा देकर विदा करें। इसके बाद खुद भी भोजन कर व्रत का पारण करें।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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