हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। मई महीने में मासिक शिवरात्रि 09 मई, दिन रविवार (Sunday) को है। मासिक शिवरात्रि (Shivratri) के दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा के दौरान बेलपत्र, जल और दूध अर्पित करना शुभ होता है। कहते हैं कि ऐसा करने से भगवान शिव भक्त की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
मई महीने में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि (Monthly shivratri) के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन प्रीति व आयुष्मान योग में भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में आयुष्मान व प्रीति योग को शुभ योगों में गिना जाता है। कहा जाता है कि इस योग में किये गए कार्यों में सफलता हासिल होती है।
इन शुभ मुहूर्त में करें भगवान शिव की पूजा-
ब्रह्म मुहूर्त- 03:59 AM, मई 10 से 04:42 AM तक।
अभिजित मुहूर्त- 11:39 AM से 12:32 PM तक।
विजय मुहूर्त- 02:19 PM से 03:12 PM तक।
गोधूलि मुहूर्त- 06:32 PM से 06:56 PM तक।
अमृत काल- 02:49 PM tसे 04:36 PMतक।
मासिक शिवरात्रि पूजन विधि–
श्रद्धालुओं को शिवरात्रि की रात को जाग कर शिव जी की पूजा करनी चाहिए।
मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय (Sunrise) से पहले उठकर स्नान आदि के बाद किसी मंदिर में जा कर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें।
पूजा के दौरान शिवलिंग (Shivling) का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से करें।
शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। अब आप भगवान शिव (Lord Shiva) की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें।
शिव पूजा करते समय आप शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें।
इसके बाद शाम के समय फल खा सकते हैं लेकिन व्रती को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना व्रत खोलें।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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