नई दिल्ली। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिका के खिलाफ बड़ा मोर्चा बनाने की तैयारी कर ली है। किम जोंग ने पेंटागन को चुनौती देने के लिए अमेरिका के कट्टर दुश्मन रूस के साथ हाथ मिला लिया है। उत्तर कोरिया को समर्थन देने के लिए जल्द ही राष्ट्रपति पुतिन प्योंगपांग पहुंचने वाले हैं। इससे अमेरिका की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। दोनों ही देश अमेरिका के कट्टर दुश्मन हैं। इस मोर्चे में चीन पहले से ही शामिल है। ये मोर्चा अमेरिका के लिए बड़ा संकट बन सकता है।
उत्तर कोरिया ने रविवार को कहा कि वह एक ‘‘नयी बहु-ध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था’’ स्थापित करने के लिए रूस के साथ रणनीतिक और सामरिक सहयोग मजबूत करने पर सहमत हो गया है। उसका यह बयान तब आया है जब दोनों देश अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच एक संयुक्त मोर्चा बनाने पर काम कर रहे हैं। उत्तर कोरिया की विदेश मंत्री चोइ सोन हुई की पिछले सप्ताह मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव के साथ बैठकों का हवाला देते हुए उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पुतिन ने प्योंगयांग की यात्रा करने की इच्छा दोहरायी और कहा कि वह ‘‘जल्द ही’’ उत्तर कोरिया आ सकते हैं।
रूस का जिगरी दोस्त बनने की राह पर उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया, रूस के साथ अपने संबंध मजबूत करने पर सक्रियता से काम कर रहा है जो उसके नेता किम जोंग उन की पुतिन के साथ एक शिखर वार्ता में सितंबर में रूस की यात्रा से यह स्पष्ट होता है। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक अलग बयान में देश के हालिया बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण को लेकर एक आपात बैठक बुलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निंदा की। सरकारी मीडिया द्वारा प्रकाशित टिप्पणियों में उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चोइ और रूसी अधिकारियों ने अपनी बैठकों में ‘‘दोनों देशों के हितों की रक्षा में रणनीतिक और सामरिक सहयोग मजबूत करने और एक नयी बहु-ध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था स्थापित करने की दृढ़ इच्छाशक्ति’’ जतायी।
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