सिडनी। चूहे (Mice) यूं तो अक्सर सभी घरों में पाए जाते हैं और लोग आमतौर पर इन्हें नजरअंदाज करने की कोशिश करते हैं। अगर कहीं चूहों का प्रकोप बढ़ जाता है तो लोगों के लिए वहां रहना दूभर हो जाता है। ऑस्ट्रेलिया (Australia) भी इन दिनों चूहों (Mice) से जुड़े ऐसे ही बड़े संकट का सामना कर रहा है। चूहों ने वहां के किसानों का जीना हराम कर दिया है। चूहे उनकी नई उगी और पकी हुई फसलों को नष्ट कर रहे हैं। हालात से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने अब भारत से मदद मांगी है।
ऑस्ट्रेलिया ने भारत से मांगा ये जहर
ऑस्ट्रेलिया ने भारत ने चूहों (Mice) को मारने वाले जहर को देने का आग्रह किया है। वह इस जहर का इस्तेमाल न्यू साउथ वेल्स प्रांत में करेगा। ऑस्ट्रेलिया में इस प्रकार का जहर बैन है। इसलिए उसने इस काम के लिए भारत के आगे मदद का हाथ फैलाया है।
जानकारी के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया (Australia) के न्यू साउथ वेल्स की सरकार ने भारत से 5 हजार लीटर Bromadiolone जहर मांगा है। राज्य के कृषि मंत्री Adam Marshall ने कहा कि Bromadiolone दुनिया में चूहों को मारने वाला यह सबसे खतरनाक जहर है। यह जहर 24 घंटे से भी कम वक्त में सभी चूहों का सफाया कर सकता है।
संक्रमण को रोकने के लिए धनराशि जारी
इसके साथ ही राज्य सरकार ने चूहों (Mice) की मौत से होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए 4 करोड़ डॉलर की धनराशि भी जारी की है। सूत्रों के मुताबिक लोग चूहों को मारने के लिए कई तरह के कीटनाशकों का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसकी चपेट में आकर कुत्ते, बिल्ली जैसे पालतू जानवर भी मारे जा रहे हैं।
चूहों के मरने से प्लेग फैलने की आशंका को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया (Australia) में कई लोग उन्हें जहर दिए जाने का समर्थन नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि हमें प्रकृति के साथ चलते हुए इस समस्या से निपटना चाहिए। उनका कहना है कि प्रशासन को बारिश का इंतजार करना चाहिए। बारिश में चूहों (Mice) के बिलों में पानी भर जाएगा और वे डूबकर मर जाएंगे।
प्रदूषित हो रहा है लोगों का पानी
एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक चूहों (Mice) की अधिकता की वजह से लोगों के पीने का पानी प्रदूषित हो रहा है। वे उनकी फसलों को चौपट कर रहे हैं। जिससे खरीदार उनके शिपमेंट को रद्द कर रहे हैं। कई जगह सो रहे लोगों को चूहों ने काट भी खाया है। जिनका बाद में इलाज करवाया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया (Australia) में अक्सर चूहों (Mice) की बढ़ती संख्या की वजह से यह समस्या पैदा होती है। लेकिन जैसे ही वहां पर चूहों की अधिकता होती है, वहां पर प्लेग जैसी बीमारी फैल जाती है। जिसमें अधिकतर चूहे अपने आप मर जाते हैं। इससे चूहों की संख्या फिर पहले की तरह संतुलित हो जाती है।
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