डेस्क: जमात-ए-इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय सचिव मौलाना शफी मदनी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर जुमे की नमाज के लिए ब्रेक खत्म करने पर निशाना साधा. मौलाना शफी मदनी ने कहा कि ये जो देश में होड़ चली है कि जो जितना ज्यादा मुसलमानों के खिलाफ नफरती बयान देगा उसको तरक्की मिलेगी. वही, आज हो भी रहा है. ऐसे लोगों को मंत्री भी बनाया जाता है. नफरत फैला कर सियासत में बढ़ जाएंगे, ऐसी सोच हो गई है.
जमात ए इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय सचिव मौलाना शफी मदनी ने कहा कि कुछ दिनों पहले असम के बरपेटा के 28 मुसलमानों को विदेशी घोषित करते हुए ट्रांजिट कैम्प में भेज दिया गया. वहां विदेशी न्यायाधिकरण काम करती है. जिनको विदेशी घोषित किया गया, उनमें 2 तिहाई हिंदू और 1 तिहाई मुसलमान हैं लेकिन ट्रांजिट कैम्प में मुस्लिमों की संख्या ज्यादा है.
मौलाना शफी मदनी ने आगे कहा कि एक सीएम राज्य का जिम्मेदार होता है. ऐसे में असम के सीएम पूरी प्लानिंग के साथ काम कर रहें हैं कि आम मुस्लिम के लिए भी बहुत परेशानी हो रही है. उनमें भी विदेशी होने का डर पैदा किया जा रहा है. जमात ए इस्लामी इनकी रिहाई की मांग करती है. ट्रिब्यूनल को निष्पक्ष तरीके से काम करना चाहिए. उन 28 लोगों के रिश्तेदार का नाम एनआरसी में है. ऐसे में इनकी तत्काल रिहाई होनी चाहिए.
मौलाना शफी मदनी ने कहा कि ये नफरत की राजनीती और समाज को बांटने की कोशिश है. जहां कुछ दिन पहले हरियाणा में आर्यन मिश्र को मार दिया गया और अब कह रहें कि किसी और को मारना था तो समझ सकते हैं कि कैसा देश में माहौल बनाया जा रहा है. उन्होंने वक्फ बिल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जेपीसी कमेटी में हम अपना प्रेजेंटेशन देना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि हम जगदंबिका पाल से मिले हैं और हमें जेपीसी के लिए समय मिलने वाला है. जिसमें हम जेपीसी के सामने अपना प्रेजेंटेशन देंगे.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved