नई दिल्ली: प्रदूषण भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है. पाकिस्तान के लाहौर शहर में प्रदूषण लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. हालात कितने खराब हैं इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि सरकार को इमरजेंसी तक लगानी पड़ी है. सरकार ने ये फैसला लाहौर हाई कोर्ट की फटकार के बाद लिया.
दरअसल लाहौर हाई कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण के लिए मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रशासन को शहर में आपातकाल लगाने का निर्देश जारी किया है. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि धुंए के लिए जिम्मेदार फैक्ट्रियों को दोबारा न खोला जाए. इसके साथ ही स्कूल और कॉलेज के छात्रों को ऐसी फैक्ट्रियों के बारे में अधिकारियों को सूचित करने को भी कहा. कोर्ट ने आयुक्त समेत तमाम अधिकारियों को आदेश दिया कि वो स्कूल और कॉलेजों का दौरा कर छात्रों को इस बारे में जानकारी दें.
बढ़ता प्रदूषण चिंता का विषय
हाई कोर्ट के जज शाहिद करीम ने लाहौर के आयुक्त मोहम्मद अली रंधावा को मौजूदा स्थिति के लिए जमकर फटकार लगाई थी. उन्होंने कहा कि स्मॉग उनकी व्यक्तिगत समस्या नहीं है बल्कि बच्चों से जुड़ी समस्या भी है. ये बेहद चिंता का विषय भी है. उन्होंने आयुक्त से कहा कि आप शहर के सरंक्षक भी हैं, देखिए आपने इसके साथ क्या किया. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई 3 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी.
गैस चैंबर बना लाहौर
धुंध की वजह से लाहौर जहरीली गैस चैंबर में बदल गया है. हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मंगलवार तीसरा दिन था जब लाहौर लगातार दुनिया का सबसे प्रदूषित शहरों में टॉप था. एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 255 दर्ज किया गया था. सोमवार को यहां एक्यूआई 447 तक पहुंच गया. पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि पूरे पंजाब में स्मॉग आपातकाल लागू कर दिया गया है और सभी स्कूलों में बच्चों के लिए एक महीने तक मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.
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