बीजिंग। चीन(China) में कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment at Workplaces) लगातार जारी रहने के कारण अब शेनझेन शहर (Shenzhen City) में एक नई पहल हुई है। वहां स्कूल-कॉलेज, कारोबार स्थल और सरकारी दफ्तरों में इससे महिलाओं को बचाने के लिए नया दिशा-निर्देश (New Guideline Ready) तैयार किया है। विशेषज्ञों(Experts) ने कहा है कि शेनझेन ऐसी पहल करने वाला चीन का पहला शहर (Shenzhen First City of China) है। इसमें यौन उत्पीड़न रोकने और इसके दोषियों को सजा के विस्तृत प्रावधान शामिल (Includes Detailed Provision of Sentence) किए गए हैं।
खबरों के मुताबिक नौ सरकारी विभागों ने एक साथ इस दिशा-निर्देश दस्तावेज को जारी किया। इन विभागों में शहर का पुलिस सुरक्षा ब्यूरो, शिक्षा ब्यूरो और महिला फेडरेशन शामिल हैं। इसके जरिए अब स्कूलों और कार्य स्थलों पर यौन उत्पीड़न से संबंधित एक जैसी नीति लागू की जाएगी।
इस दस्तावेज में यौन उत्पीड़न के तीन प्रकार परिभाषित किए गए हैं। ये हैं- यौन गतिविधि से जुड़ा व्यवहार, दूसरे पक्ष की अनिच्छा के बावजूद कोई ऐसा व्यवहार करना जो उसे पसंद ना हो, ऐसा व्यवहार जिससे व्यक्ति के निजी अधिकारों का हनन होता हो और जिससे वह असहज महसूस करता हो। दस्तावेज में कहा गया है कि किसी के ऐसे व्यवहार से कामकाज की जगह पर तनावपूर्ण माहौल बनता है।
चीन में देश भर में लागू सिविल कोड के तहत भी कार्य स्थलों पर यौन उत्पीड़न करने पर रोक है। लेकिन उसमें दोषियों को दंडित करने के बारे में कोई साफ बात नहीं की गई है। जबकि शेनझेंन में जारी गाइडबुक में अपराध के मुताबिक सजा का प्रावधान किया गया है। यानी दुराचरण कितना गंभीर है, उसके अनुपात में सजा तय की गई है। इन सजाओं में माफी मांगना, डिमोशन (पदावनति), चेतावनी, बर्खास्तगी और ब्लैकलिस्टिंग शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि ऐसी शिकायत आने पर उसे स्वीकार करने में पुलिस को कोई हिचक नहीं दिखानी चाहिए। साथ ही यौन उत्पीड़न के खिलाफ नोटिस बस स्टेशन या सब-वे जैसी सार्वजनिक जगहों पर लगाए जाने चाहिए।
गाइडबुक में कहा गया है कि यौन उत्पीड़न हो जाने के बाद दंडित करना ही काफी नहीं है। बल्कि इसे रोकने के उपाय हर जगह लागू किए जाने चाहिए। जानकारों का कहना है कि शेनझेन में हुई पहल चीन में एक मील का पत्थर है। चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में प्रोफेसर छि जियानजियान ने कहा चीन मे यौन उत्पीड़न संबंधी कानून और नियमों में जो खामियां हैं, उन्हें दूर करने की दिशा में ये गाइडबुक एक अहम स्रोत साबित होगा। शंघाई के एक लॉ फर्म से जुड़े वकील झांग जोंगफा ने कहा कि शेनझेन की गाइडबुक पूरे देश के लिए एक मिसाल बनेगी, इससे पुलिस ऐसे मामलों में सक्रियता दिखाने के लिए प्रेरित होगी।
विशेषज्ञों के मुताबिक अतीत में यौन उत्पीड़न जैसी घटनाओं को इतना गंभीर नहीं माना जाता था कि पुलिस या अन्य सुरक्षा अधिकारी उन्हें अहमियत दें। नई गाइडबुक में साफ कहा गया है कि पुलिस को ऐसे मामले स्वीकार करने होंगे। साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि अगर कोई कंपनी अपने यहां यौन उत्पीड़न रोकने के उपाय करने में नाकाम रही, तो ऐसी घटना होने पर उसे कानूनी तौर पर जवाबदेह माना जाएगा।
चीन में हाल में यौन उत्पीड़न और महिलाओं पर हिंसा की घटनाएं बढ़ती गई हैँ। इन्हें देखते हुए चीनी अधिकारियों ने कई नए कानून बनाए हैं। यौन उत्पीड़न रोकने के नए नियम भी लागू किए गए हैं। 2018 में देश के सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार कहा था कि यौन उत्पीड़न के मामलों में कानूनी कार्रवाई हो सकती है। जुलाई 2020 में दक्षिणी शहर चेंगदू में यौन उत्पीड़न संबंधी मामले में दी गई फौजदारी सजा को बरकरार रखा। लेकिन शेनझेन की गाइडबुक महिलाओं को सुरक्षा देने के मामले में उन तमाम मिसालोँ से काफी आगे गया है।
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