नई दिल्ली. देश (India) में साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) के मामले बढ़ते जा रहे हैं. 2023 की तुलना में इस साल महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक (Nashik) में फाइनेशियल साइबर फ्रॉड (Financial Cyber Fraud) के मामलों में बड़ी बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार 2024 के पहले आठ महीनों में लोगों ने फाइनेंशियस साइबर फ्रॉड के मामलों में लगभग 43 करोड़ रुपये गंवा दिए हैं, जो 2023 में 7 करोड़ रुपये के नुकसान से लगभग छह गुना अधिक है. नासिक पुलिस के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 63 मामले थे. हालांकि, 2024 में 19 सितंबर तक, 70 फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले दर्ज किए गए थे.
पुलिस ने पाया कि इंजीनियर्स, रिटायर्स ऑफिसर और बिजनेसमैन सहित पढ़े-लिखे लोग भी नई साइबर चालों का शिकार हो रहे हैं. भोले-भाले नागरिकों ने फर्जी ऑनलाइन शेयर बाजार फ्रॉड के मामलों में सबसे अधिक पैसा खो दिया है. अब एक नए तरह का फर्जी वर्चुअल हाउस अरेस्ट घोटाला भी सामने आया है, जिसमें साइबर अपराधी पुलिस अधिकारियों या केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED),के अधिकारी बनकर फ्रॉड करते हैं.
1.28 करोड़ रुपये की ठगी
हालही में साइबर फ्रॉड के एक मामले की जांच कर रही कर्नाटक पुलिस ने हालही में एक रिटायर स्कूल टीचर और असम से बीटेक ग्रेजुएट को एक डॉक्टर से 1.28 करोड़ रुपये ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पवन कुमार (63) और जाकिर बोरा (33) को असम के शिवसागर से पकड़ा गया. जांच में पता चला कि कुमार के अकाउंट का इस्तेमाल देशभर में 8 करोड़ रुपये के 91 साइबर क्राइम में किया गया. आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
रिपोर्ट के अनुसार 23 अगस्त को चित्रदुर्ग टाउन के डॉक्टर डॉ. श्रीनिवास शेट्टी टी. के. ने CEN पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई कि उनके साथ 1.27 करोड़ रुपये का फ्रॉड कर लिया गया है. शिकायत में कहा गया है कि 22 अगस्त को शेट्टी को एक कॉल आया जिसमें खुद को मुंबई पुलिस से होने का दावा किया गया और कहा गया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए बैंक खाते खोलने में किया गया है.
कॉल करने वालों ने कहा कि वे शेट्टी के बैंक ट्रांजैक्शन और डिटेल का ऑडिट करना चाहते हैं, उन्हें 24 घंटे से अधिक समय तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और उनके अकाउंट से पैसे निकाल लिए. पुलिस इंस्पेक्टर वेंकटेश एन और उनकी टीम ने उसका अकाउंट ब्लॉक कर दिया, लेकिन पैसा पहले ही ट्रांसफर हो चुका था.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved