नई दिल्ली: लगभग दो साल पहले चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में खौफ कायम कर दिया था. तब से अब तक दुनिया कोरोना महामारी से उबरने के लिए जूझ रही है. पिछले कुछ महीने से दुनिया भर में कोरोना के मामले कम हुए तो लोगों ने राहत की सांस ली, किन्तु अब फिर साउथ अफ्रीका में पाया गया कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) ने दहशत का नया दौर शुरू कर दिया है. भारत, ब्रिटेन, कनाडा, नीदरलैंड सहित कई देशों में कोरोना के इस नए वैरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं.
मगर, दक्षिण अफ्रीका के उस प्रांत के बारे में जानकर जहां के 90 फीसदी कोरोना मरीज इसी Omicron वैरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं. ये प्रांत है Gauteng जहां हर ओर Omicron का खौफ है. ज्यादातर कोरोना मरीज इसी वैरिएंट से संक्रमित पाए जा रहे हैं. शहर में लॉकडाउन जैसे हालात हैं, यूनिवर्सिटी-कॉलेज बंद किए जा चुके हैं, परीक्षाएं टल चुकी हैं. हर शख्स की टेस्टिंग कराई जा रही है. दक्षिण अफ्रीका में इस हालात के मद्देनज़र विश्व के अधिकांश देशों ने वहां से आने वाले यात्रियों के लिए सख्त नियम लागू कर दिए हैं या वहां से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है.
बता दें कि साउथ अफ्रीका के अंदर 18 से 34 की आयु के सिर्फ 22 फीसद युवाओं ने ही कोरोना वैक्सीन की डोज़ ली है. वैक्सीन ले चुके छात्र मंकूबा जीथा ने बताया कि वे कई साथियों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. जीथा ने कहा कि, मैं उन्हें समझाने का प्रयास कर रहा हूं कि कोरोना वायरस से बचना है तो टीका लगवाना ही होगा. हम टीवी में देख रहे हैं कि रोज लोग इस वायरस के कारण मर रहे हैं. हमें समझना होगा. दो वर्षों तक निरंतर कोरोना की मार झेलने के बाद अब दुनिया कोरोना के नए वैरिएंट की चपेट में आने की कगार पर है. यही वजह है कि Omicron का पता लगने के बाद से ही कई देशों ने ट्रेवल बैन लगा दिए हैं तो कई देशों ने खास साउथ अफ्रीका से आने वालों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं.
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