नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने हाल ही में 51 स्थानों की छलांग लगाकर फॉर्च्यून 500 लिस्ट में 104वां स्थान कब्जाया था. इस लिस्ट में पहली बार शामिल हुई भारत की सरकारी कंपनी LIC के बाद रिलायंस दूसरी कंपनी. लेकिन अब RIL को एक और कंपनी से तगड़ी चुनौती मिलने वाली है. चुनौती भी ऐसी कि अगले 5-7 साल में ये कंपनी RIL से भी आगे निकल जाएगी. लेकिन ये कारनामा करने वाली कंपनी खुद रिलायंस ग्रुप की कंपनी होगी. अगर आप सोच रहे हैं कि ये कमाल जियो या रिलायंस रिटेल करेगी. हालांकि ऐसा नहीं है. रिलायंस ग्रुप के मुखिया मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) का दावा है कि अगले 5 से 7 साल में ग्रुप का ग्रीन एनर्जी (Green Energy) बिजनेस सबसे अधिक मुनाफे वाला कारोबार बन जाएगा.
मुकेश अंबानी के इस दावे पर इसलिए भरोसा किया जा सकता है, क्योंकि वो नए बिजनेस स्थापित करने और उन्हें सेक्टर की दूसरी कंपनियों से आगे ले जाने में हमेशा कामयाब रहते हैं. 2016 में जियो को लॉन्च करके उन्होंने टेलीकॉम सेक्टर में हलचल मचाई थी. हाल ही में समाप्त हुई 5G स्पेक्ट्रम के ऑक्शन में सबसे बड़ी बोली लगाकर जियो ने टेलीकॉम सेक्टर में अपना परचम नई बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए बिगुल फूंक दिया है.
अब ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में मुकेश अंबानी 6 लाख करोड़ के निवेश के साथ इस उभरते हुए सेक्टर के शहंशाह बनने की तरफ मजबूत कदम बढ़ा रहे हैं. कंपनी अगले 1 साल में इस कारोबार को शुरू करने की तैयारी कर रही है. नई ऊर्जा के इस सेक्टर में क्षमता विस्तार के लिए कंपनी ने 5,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का अधिग्रहण और निवेश पूरा कर लिया है. कंपनी ने पिछले साल ही ऐलान किया था कि अगले 3 साल में वो ग्रीन एनर्जी पर 10 अरब डॉलर का निवेश करेगी.
इस योजना के तहत कंपनी 4 ऐसी गीगा फैक्ट्री लगाएगी, जो ग्रीन एनर्जी से संबंधित सभी कलपुर्जे बनाएंगी. इस योजना के तहत ग्रीन एनर्जी वैल्यू चेन और इससे जुड़ी टेक्नोलॉजी में भी निवेश किया जाएगा. इसके लिए दूसरी कंपनियों के साथ साझेदारी भी करेगी. इनके दम पर अंबानी का इरादा अगले 7 साल में भारत को ग्रीन एनर्जी का सबसे सस्ता डेस्टिनेशन बनाने का है.
RIL के CMD मुकेश अंबानी ने कंपनी की सालाना रिपोर्ट में कहा कि ‘अगले 12 महीनों में ग्रीन एनर्जी वैल्यू चेन में RIL का निवेश धीरे-धीरे शुरू हो जाएगा और ये अगले कुछ बरसों में तेजी से बढ़ेगा.’ उन्होंने कहा-‘ये नया ‘ग्रोथ इंजन’ केवल 5 से 7 साल में हमारे सभी मौजूदा ग्रोथ इंजनों को पीछे छोड़ सकता है.’ अंबानी पारंपरिक रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल कारोबार के अलावा अपने कारोबार में विविधता लाने की कोशिश में रिलायंस को क्लीन एनर्जी की तरफ ले जा रहे हैं.
रिलायंस सौर ऊर्जा उत्पादन से लेकर हरित हाइड्रोजन के उत्पादन, उसके डिस्ट्रीब्यून और खपत तक की पूरी ग्रीन एनर्जी वैल्यू चेन के लिए गीगा-कारखानों का निर्माण कर रही है. ग्रुप ने गुजरात के जामनगर के धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी परिसर में 4 गीगा-कारखानों का निर्माण शुरू कर दिया है. अंबानी किसी भी कारोबारी बदलाव को सूझबूझ के साथ लागू करने में माहिर माने जाते हैं. पिछले एक दशक में उन्होंने रिलायंस को एनर्जी सेक्टर की दिग्गज कंपनी से रिटेल सर्विस सेक्टर की बड़ी कंपनी के तौर पर स्थापित कर दिया है.
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