नई दिल्ली: संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) का नाम बॉलीवुड के दिग्गज सितारों में लिया जाता है. उन्होंने अपने करियर में कई दमदार फिल्मों में काम किया है. फिल्मी दुनिया में अक्सर देखा जाता है कि एक्टर अपने से बड़ी उम्र के किरदार निभाने से कतराते हैं, लेकिन संजीव कुमार के साथ ऐसा नहीं था. उन्होंने ‘शोले’ (1975), ‘त्रिशूल’ (1978), ‘मौसम’ (1975), ‘सवाल’ (1982) और ‘देवता’ (1978) समेत कई फिल्मों में अपने से बड़ी उम्र के किरदार निभाए हैं. जब संजीव ने ‘शोले’ में ठाकुर का किरदार निभाया था तब उनकी उम्र करीब 37 साल थी. जब उन्होंने ‘त्रिशूल’ में अमिताभ के पिता आरके गुप्ता की भूमिका निभाई थी, तब उनकी उम्र लगभग 40 साल थी.
तबस्सुम ने एक यूट्यूब वीडियो में खुलासा किया था कि उन्हें उम्रदराज किरदार निभाना क्यों पसंद है. ये जानकर हैरानी हो सकती है कि उन्होंने खुद अपनी मौत की भविष्यवाणी की थी. बाद में उनकी ये बात सच भी साबित हुई थी. उन्होंने बताया था कि एक बार उन्होंने संजीव कुमार से पूछा था कि उन्हें ऐसे रोल करना क्यों पसंद है.
तबस्सुम के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि एक बार उन्होंने ज्योतिष को अपना हाथ दिखाया था, जिसे देखकर ये कहा गया था कि वो लंबे समय तक जीवित नहीं रहेंगे और बुढ़ापा नहीं देख पाएंगे. बस यही वजह थी कि वो फिल्मों में उम्रदराज किरदार निभाना पसंद करते हैं.
वो ऐसा इसलिए करते थे ताकि वो अपना बुढ़ापा फिल्मों के जरिए जी सकें, जो कि वो असल जिंदगी में नहीं जी पाते. उनकी ये सोच आगे चलकर सच साबित हुई थी. 47 साल की उम्र में उन्हें हार्ट अटैक आया था. इसके बाद वो हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह गए. भले ही वो आज हमारे बीच इस दुनिया में नहीं है, लेकिन अपनी शानदार फिल्मों के जरिए वो आज भी दर्शकों के दिलों में बसते हैं.
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