उज्जैन: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में बाबा महाकाल (Baba Mahakal) की दूसरी सवारी आज नगर में धूमधाम से निकाली जाएगी. सवारी के नगर भ्रमण के पहले सभा मंडप में बाबा महाकाल का पूजन अर्चन (Worship Prayer) किया जाएगा और मंत्री प्रहलाद पटेल इस पूजन में शामिल होंगे. इसके बाद लाखों श्रद्धालु पालकी में चंद्रमोलेश्वर और हाथी पर भगवान मनमहेश के दर्शन करेंगे.
आज निकाली जाने वाली सवारी को लेकर वैसे तो सभी तैयारियां की जा चुकी हैं, लेकिन मां शिप्रा में बड़े जल स्तर के कारण एक बड़ी परेशानी यह हो चुकी है कि आज जब बाबा महाकाल की सवारी शिप्रा तक रामघाट पहुंचेगी तो हर बार की तरह इस बार घाट पर बैठकर भगवान का पूजन-अर्चन नहीं हो पाएगा. शिप्रा का जलस्तर बढ़ने के कारण घाट की बजाय अन्य स्थानों पर भगवान की पालकी का पूजन-अर्चन किया जाएगा.
इस बारे में उज्जैन कलेक्टर ने बताया कि आज श्रावण मास में बाबा महाकाल की दूसरे सवारी निकाली जाएगी लेकिन महाशिवरात्रि का जलस्तर बड़े होने के कारण परेशानी यह आ रही है कि घाट पर बाबा महाकाल का परंपरागत पूजन अर्चन आज दूसरे स्थान पर किया जाएगा. उन्होंने कि मां शिप्रा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इसलिए हम इस प्रकार की कोई रिस्क भी नहीं लेना चाहते हैं कि बढ़े हुए जलस्तर को देखते हुए लाखों की संख्या में श्रद्धालु रामघाट के आसपास एकत्रित हो गए और कोई अनहोनी घटित हो जाए. अगर समय रहते शिप्रा का जलस्तर काम नहीं हुआ तो सम्भवतः रामानुज कोट के पास बाबा महाकाल की सवारी का पूजन अर्चन किया जाएगा.
बाबा महाकाल की दूसरी सवारी आज नगर में धूमधाम से निकलेगी इस सवारी का वैभव लगातार बढ़ता जा रहा है लेकिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशा अनुसार इस सवारी में लोक नृत्य करने वाले कलाकारों के साथ ही आज की सवारी में 350 पुलिसकर्मियों का बैंड भी शामिल होगा. पिछली सवारी में लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का दर्शन किया था, लेकिन आज लगभग चार से पांच लाख श्रद्धालुओं द्वारा बाबा महाकाल की सवारी के दर्शन करने का अनुमान है.
श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा. उसके पश्चात भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे. मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी. उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी. इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यीनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी.
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